अरविंद कुमार/ नई दिल्ली
उर्दू की मशहूर अफसानानिगार और शायरा तरन्नुम रियाज का गुरुवार को कोविड के कारण इंतकाल हो गया. वह 62 वर्ष की थी. उनके परिवार में उनके दो बेटे हैं. तरन्नुम के पति रियाज पंजाबी का पिछले माह कोरोना के कारण इंतकाल हो गया था. वह कश्मीर विश्वविद्यालय के कुलपति थे.
कश्मीर में जन्मी रियाज ऑल इंडिया रेडियो की जानी मानी एंकर थीं और वह दूरदर्शन में भी प्रोग्राम देती थीं. उन्होंने शायरी के अलावा अफसाने और नॉवेल भी लिखे तथा अपने लेखन से अपनी मुकम्मल पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनाई थी. उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से उर्दू में एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की थी.
उन्हें 2006 में दिल्ली उर्दू अकादमी तथा यूपी उर्दू एकेडमी का भी अवॉर्ड मिला था. उन्होंने साहित्य अकादमी के लिए बीसवीं सदी में ख्वातीन उर्दू अदब पर एक किताब संपादित की थी. वह एक कुशल अनुवादक तथा निबंधकार भी थीं.
वह संस्कृति मंत्रालय की सीनियर फेलो भी थी .
उनकी चर्चित किताबों में ‘भादो के चांद तले’,‘अजनबी जजीरो में’,‘मेरे रखते सफर’और ‘पुरानी किताबों की खुशबू’,‘यह तंग जमीन’,‘अबाबीलें लौट आएंगी’और ‘मूर्ति’ शामिल है.