पीओजेके के जंगल हुए भ्रष्टाचार और अवैध कटाई के शिकार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-11-2024
PoJK forests fall prey to corruption and illegal logging
PoJK forests fall prey to corruption and illegal logging

 

मुजफ्फराबाद. पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में गंभीर पारिस्थितिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, जो बड़े पैमाने पर वनों की कटाई का शिकार बन रहे हैं. स्थानीय निवासियों की रिपोर्ट है कि लकड़ी माफिया, अक्सर सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से काम करते हुए, क्षेत्र के जंगलों को तबाह कर रहे हैं.

यह अनियंत्रित विनाश गंभीर पर्यावरणीय और सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम पैदा कर रहा है. वनों की कटाई पर हाल ही में सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद, स्थानीय लोगों का तर्क है कि असली समस्या प्रवर्तन की कमी और व्यापक भ्रष्टाचार है जो अवैध कटाई को बेरोकटोक जारी रखने में सक्षम बनाता है.

पीओजेके के निवासी वकार हुसैन काजमी ने क्षेत्र की प्राकृतिक जल प्रणालियों में भारी बदलाव पर चिंता व्यक्त की, इसके लिए सीधे वनों की कटाई को जिम्मेदार ठहराया. वकार ने कहा, ‘‘यहाँ की छोटी सहायक नदियाँ अपना मार्ग बदल रही हैं. प्राकृतिक जलधाराएँ लुप्त हो रही हैं. और इसके परिणामस्वरूप, बीमारियाँ फैल रही हैं. दिल के दौरे बहुत आम हो गए हैं.’’ उन्होंने सरकारी अधिकारियों पर विनाश में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सरकारी अधिकारी जो जंगलों की रक्षा करने वाले हैं, वे ही इसमें शामिल हैं. उनकी इच्छा और निगरानी में, जंगल की लकड़ी की तस्करी की जा रही है. जब लोगों में आक्रोश होता है, तो वे सामान्य वाहनों में नहीं, बल्कि सरकारी वाहनों में तस्करी करते हैं.’’

हालांकि अधिकारी वनों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने का दावा करते हैं, लेकिन जमीन पर स्थिति गंभीर बनी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि लकड़ी माफिया अधिकारियों की मौन स्वीकृति के साथ काम करना जारी रखते हैं, और बड़े पैमाने पर लकड़ी की तस्करी अभी भी हो रही है, अक्सर सरकारी वाहनों का उपयोग करके. जवाबदेही की इस कमी ने पीओजेके के नाजुक पर्यावरण की रक्षा करने की सरकार की क्षमता में व्यापक अविश्वास पैदा किया है.

पर्यावरण विशेषज्ञों ने लंबे समय से पीओजेके में पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना की है, उन्हें विनाशकारी और अस्थिर दोनों बताया है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जारी वनों की कटाई के दूरगामी परिणाम हो रहे हैं, न केवल क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि ऊर्जा की कमी और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को भी बढ़ा रहे हैं. क्षेत्र दोहरे खतरे का सामना कर रहा हैरू प्राकृतिक संसाधनों की कमी और पर्यावरण क्षरण से जुड़ी बीमारियों का बढ़ना.

पीओजेके में स्थिति जटिल है, जिसमें भ्रष्टाचार, अप्रभावी कानून प्रवर्तन और खराब पर्यावरण प्रबंधन संकट के मूल में हैं. विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि जारी वनों की कटाई को रोकने, प्राकृतिक आवासों को बहाल करने और शासन में सुधार करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है. तत्काल हस्तक्षेप के बिना, पीओजेके का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है, जिसमें प्राकृतिक पर्यावरण और इसके लोगों की भलाई दोनों गंभीर जोखिम में हैं.