PM's Maha Kumbh statement in LS: Speaker invokes Rule 372, LoP Rahul takes ‘new India’ jibe
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाकुंभ 2025 को राष्ट्र के लिए ‘जागृति’ का क्षण बताया और इसकी सफलता का श्रेय देशवासियों के अनगिनत योगदान को दिया, इस पर विपक्ष ने विरोध जताया और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘नए भारत’ का मजाक उड़ाया. इसके तुरंत बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.
मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज में धार्मिक समागम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, क्योंकि इसने दुनिया के सामने देश की क्षमताओं को प्रदर्शित किया.
उन्होंने कहा, “सदन की ओर से मैं इस बड़े आयोजन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सभी लोगों और पवित्र स्नान करने गए देश के सभी लोगों को बधाई देता हूं.”
पीएम मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि भारत को जल निकायों को बचाने और पुनर्जीवित करने के लिए नदी उत्सव मनाना शुरू करना चाहिए.
जब प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की उपलब्धियां गिनाईं, तो सदन में हंगामा मच गया क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया और भगदड़ की त्रासदी पर भी सरकार से सफाई देने को कहा.
सदन में हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नियम पुस्तिका से नियम 372 का हवाला दिया और सदस्यों को अनावश्यक अराजकता पैदा करने से बचने का निर्देश दिया. ओम बिरला ने कहा, "नियम 372 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रधानमंत्री या कोई भी मंत्री सदन में बिना कोई सवाल लिए बयान दे सकता है." उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे वेल में जाने से पहले नियमों के बारे में खुद को 'शिक्षित' कर लें. इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. बाद में संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वे महाकुंभ की उपलब्धियों पर प्रधानमंत्री का समर्थन करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "महाकुंभ हमारी समृद्ध संस्कृति और इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है. मैं इस पर प्रधानमंत्री का समर्थन करना चाहता था." उन्होंने एनडीए सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, "यह नया भारत है." उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता को राष्ट्रीय महत्व से संबंधित मामलों पर अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए. उन्होंने प्रयागराज में हुए महाकुंभ हादसे पर कुछ न बोलने और अपने भाषण में श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि न देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की. इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी.