PM Modi said at India Energy Week 2025 - India is committed to prospering both development and environment
पेरिस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान 'भारत ऊर्जा सप्ताह 2025' को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है. भारत न केवल अपनी बल्कि पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति दे रहा है और इसमें ऊर्जा क्षेत्र की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच स्तंभों पर आधारित हैं. संसाधनों का कुशल दोहन, नवाचार को बढ़ावा, मजबूत अर्थव्यवस्था और स्थिर राजनीतिक स्थिति, रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और वैश्विक स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ना, भारतीय रेलवे को शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर ले जाना और हर साल 50 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये लक्ष्य महत्वाकांक्षी लग सकते हैं, लेकिन पिछले 10 वर्षों में भारत ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता दिखाती हैं. भारत की आर्थिक प्रगति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने पिछले 10 वर्षों में दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक का सफर तय किया है. भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 32 गुना वृद्धि हुई है, जिससे देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है. गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता में भी तीन गुना वृद्धि हुई है.
मोदी ने कहा कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने वाला पहला जी-20 देश है. इथेनॉल मिश्रण की सफलता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत में 19 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण किया जा रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, किसानों की आय बढ़ी है और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है. भारत अक्टूबर 2025 से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगा. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के नेतृत्व वाले 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस' में 28 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हो चुके हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने हाइड्रोकार्बन संसाधनों की क्षमता का पूरी तरह से पता लगाने के लिए सुधार कर रहा है. प्रमुख खोजों और गैस अवसंरचना के विस्तार के कारण भारत का गैस क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है. वर्तमान में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब है और सरकार इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रयास कर रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के तलछटी बेसिनों में कई हाइड्रोकार्बन संसाधन हैं, जिनमें से कुछ की खोज हो चुकी है और कुछ की खोज होनी बाकी है. सरकार ने 'ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी' बनाई है, जिससे अपस्ट्रीम सेक्टर और अधिक आकर्षक हो गया है. सरकार ने अपतटीय क्षेत्र में तेल और गैस संसाधनों के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार की खोज, उत्पादन और रखरखाव के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं.
मोदी ने कहा कि भारत में पाइपलाइन अवसंरचना में वृद्धि के कारण प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ रही है और भविष्य में इसका उपयोग और बढ़ेगा. उन्होंने निवेशकों से ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया' और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के तहत भारत में फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल और अन्य हार्डवेयर के निर्माण की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत की सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता 2 गीगावाट से बढ़कर 70 गीगावाट हो गई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बैटरी और ऊर्जा भंडारण क्षमता के क्षेत्र में नवाचार और विनिर्माण की अपार संभावनाएं हैं. भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ रहा है और बैटरी की मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में तेजी से काम करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि इस साल के बजट में हरित ऊर्जा को समर्थन देने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं. सरकार ने ईवी और मोबाइल फोन बैटरी के निर्माण से जुड़ी कई सामग्रियों को मूल सीमा शुल्क से छूट दी है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
'नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन' का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत में मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने में अहम भूमिका निभाएगा. सरकार गैर-लिथियम बैटरी इकोसिस्टम को भी बढ़ावा दे रही है और इस साल के बजट में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को भी निजी निवेश के लिए खोल दिया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में हर निवेश युवाओं के लिए नए रोजगार पैदा कर रहा है और हरित नौकरियों के अवसर पैदा कर रहा है. सरकार आम जनता को ऊर्जा क्षेत्र से जोड़कर इसे और मजबूत कर रही है. उन्होंने ‘पीएम सूर्याघर मुफ्त बिजली योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह योजना केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सौर क्षेत्र में नए कौशल विकसित कर रही है, एक नया सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बना रही है और निवेश की संभावनाओं को बढ़ा रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ऐसे ऊर्जा समाधान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, जो देश की विकास यात्रा को ऊर्जा प्रदान करें और पर्यावरण को भी समृद्ध करें. ‘भारत ऊर्जा सप्ताह’ इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल करेगा और दुनिया भर के निवेशक भारत में उभरते अवसरों का लाभ उठाएंगे.