आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध गिर वन्यजीव अभयारण्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'विश्व वन्यजीव दिवस' के मौके पर जंगल सफारी का आनंद लिया. इस दौरान उन्होंने वहां के एशियाई शेरों को करीब से देखा और उनका संरक्षण करने की महत्वता को लेकर अपना संदेश दिया.
प्रधानमंत्री मोदी की गिर सफारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गिर वन्यजीव अभयारण्य में शेरों की तस्वीरें खींचते हुए नजर आए. उन्होंने अपने डीएसएलआर कैमरे से शेरों की शानदार तस्वीरें ली, जो उनके वन्यजीवों के प्रति गहरी रुचि और संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.
एक अन्य तस्वीर में पीएम मोदी हाथ में कैमरा पकड़े हुए शेरों की ओर देख रहे थे, जबकि एक और तस्वीर में मादा शेरनी अपने शावक को दुलारती हुई दिख रही है. ये दृश्य वाकई में अत्यधिक खूबसूरत थे और पीएम मोदी के वन्यजीवों से जुड़ी संवेदनशीलता को प्रदर्शित करते थे.
पीएम मोदी का संदेश और सोशल मीडिया पोस्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने गिर अभयारण्य में सफारी से पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया था. इस वीडियो में उन्होंने 'विश्व वन्यजीव दिवस' के महत्व पर बात की और जैव विविधता के संरक्षण की आवश्यकता को दोहराया.
उन्होंने लिखा, "विश्व वन्यजीव दिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की अविश्वसनीय जैव विविधता की रक्षा और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं.
हर प्रजाति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है - आइए आने वाली पीढ़ियों के लिए उनके भविष्य की रक्षा करें! हम वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा में भारत के योगदान पर भी गर्व करते हैं."
इस पोस्ट के साथ पीएम मोदी ने एक वीडियो क्लिप भी साझा की, जिसमें वह भारत की पारंपरिक दृष्टिकोण को दर्शाते हुए जैव विविधता के संरक्षण के प्रति स्वाभाविक आग्रह का जिक्र कर रहे हैं.
इस वीडियो में पीएम मोदी ने कर्नाटक के मैसूर में 'प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के स्मरणोत्सव' कार्यक्रम के दौरान किए गए अपने विचारों को साझा किया.
वन्यजीव संरक्षण में भारत का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने वन्यजीवों के संरक्षण में भारत के योगदान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि भारत इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था के बीच संघर्ष में विश्वास नहीं करता, बल्कि वह दोनों के सह-अस्तित्व को समान महत्व देता है.
उनके अनुसार, भारत में बाघों की आबादी के बढ़ने की वजह से भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि संरक्षण और विकास दोनों एक साथ हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जबकि दुनिया के कई देशों में बाघों की आबादी या तो स्थिर है या उसमें गिरावट हो रही है, भारत में बाघों की संख्या बढ़ी है और यह दिखाता है कि हम वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में गंभीर हैं.
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने गिर सफारी का आनंद लेने के बाद राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की.
इस बैठक में 47 सदस्य शामिल हुए, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल थे. बैठक में वन्यजीव संरक्षण और संरक्षण संबंधी मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ.
इसके बाद पीएम मोदी सासण में महिला वन कर्मचारियों से भी बातचीत करेंगे. उनका उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण में महिला कर्मचारियों की भूमिका को बढ़ावा देना और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान करना था.
भारत का वन्यजीव संरक्षण प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी के इन कदमों से यह साफ़ होता है कि भारत ने वन्यजीवों के संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा के लिए अपने प्रयासों को और मजबूत किया है.
गिर अभयारण्य में सफारी का आनंद लेना और इस तरह के बड़े आयोजन में हिस्सा लेना इस बात का प्रतीक है कि भारत अपने वन्यजीवों की सुरक्षा में गंभीर है और इसके साथ ही पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी भूमिका निभा रहा है.
भारत का यह उदाहरण दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट के समय में एक प्रेरणा बनकर उभरा है. भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता को लेकर किए जा रहे प्रयास वैश्विक स्तर पर सराहे जा रहे हैं.
शेरों के बीच समय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिर वन्यजीव अभयारण्य में 'विश्व वन्यजीव दिवस' पर शेरों के बीच समय बिताकर न केवल जैव विविधता के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को भी दुनिया के सामने रखा. इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपने वन्यजीवों और पर्यावरण की रक्षा के लिए कटिबद्ध है और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.