आवाज द वाॅयस / कच्छ
गुजरात के कच्छ जिले में सर क्रीक के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर जवानों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को बरकरार रखा. इस बार उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारतीय सेना, नौसेना, और वायु सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई.
दुर्गम सर क्रीक इलाके में तैनात सैनिकों के साथ मिठाइयां बांटते हुए प्रधानमंत्री ने उनका हौसला बढ़ाया और देश के प्रति उनके अटूट समर्पण की सराहना की..सर क्रीक, भारत-पाकिस्तान सीमा पर 96 किलोमीटर लंबा विवादित क्षेत्र है, जहां तस्करी और घुसपैठ के लगातार खतरे बने रहते हैं.
यहां तैनात जवान अपनी जान जोखिम में डालकर भारत की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारतीय सैनिकों का साहस और फौलाद जैसा समर्पण किसी भी दुश्मन को चुनौती देने से पहले ही डरा देता है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने बीएसएफ के मगरमच्छ कमांडोज़ की सतर्क निगरानी और देश की सुरक्षा में उनकी भूमिका की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "आपका समर्पण फौलाद की तरह चमकता है, जो भारत के 140 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा का अभेद्य कवच है."
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2024
प्रधानमंत्री ने जवानों से परिचालन क्षेत्र में बदलावों के बारे में भी जानकारी ली और उनके कार्य को आसान बनाने के तरीकों पर चर्चा की.प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना के योगदान की सराहना करते हुए 1971 के युद्ध में कच्छ के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "यह क्षेत्र हमेशा से निशाना रहा है, लेकिन आज हमारी नौसेना के चलते कोई भी दुश्मन यहां निगाह डालने की हिम्मत नहीं कर सकता."
प्रधानमंत्री ने 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण का जिक्र किया और हाल ही में वडोदरा में सी295 कारखाने के उद्घाटन को इसका उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि भारत अब विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत, तेजस लड़ाकू विमान, और स्वदेशी पनडुब्बियां बना रहा है.
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की पहल की सराहना करते हुए कहा कि 5,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं की सूची बनाई गई है, जिन्हें अब आयात नहीं किया जाएगा.प्रधानमंत्री ने आधुनिक युद्ध में ड्रोन तकनीक के बढ़ते महत्व पर बात की और बताया कि भारत अब शिकारी ड्रोन हासिल कर रहा है और स्वदेशी ड्रोन भी बनाए जा रहे हैं.
उन्होंने सेना के संयुक्त अभ्यास के महत्व पर बल देते हुए कहा, "जब तीनों सेनाएं एक साथ अभ्यास करती हैं, तो यह देश की रक्षा को 111 के रूप में मजबूत बनाता है."प्रधानमंत्री ने जवानों के साथ समय बिताया, उन्हें मिठाई खिलाई और उनकी बहादुरी का आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा, "यह दीपावली विशेष है, क्योंकि भगवान राम अपने मंदिर में लौट आए हैं और आपके साथ इस पवित्र भूमि पर दीपावली मनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है."
प्रधानमंत्री का यह कदम उनकी 2014 से शुरू की गई उस परंपरा का हिस्सा है जिसमें वे देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाते आ रहे हैं.