अजमेर. सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स के लिए अजमेर आए पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों ने अपना तीन दिवसीय प्रवास समाप्त कर लिया है और आज रवाना होने वाले हैं. सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर आए पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच ले जाया गया. उन्हें पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से दरगाह ले जाया गया, जहां उन्होंने उसी पुलिस घेरे में अपनी यात्रा पूरी की. तीर्थयात्रा के बाद, उन्हें वापस सेंट्रल गर्ल्स स्कूल ले जाया गया.
शहर के पूर्व एडीएम सुरेश सिंधी ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘‘वे आज रवाना हो रहे हैं और दोपहर 3.00 बजे ट्रेन से वापस जाएंगे. कुल 89 जायरीन थे. जायरीनों को पुलिस की घेराबंदी में दरगाह भेजा गया और पुलिस की घेराबंदी में ही दरगाह से वापस लाया गया.’’
पाकिस्तानी जायरीनों के प्रभारी अधिकारी भरत गुर्जर ने बताया कि पाकिस्तानी जायरीन 7 जनवरी को अजमेर आए थे. उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें कड़ी सुरक्षा में रखा जा रहा था, लेकिन इस बार उन्हें कहीं बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई.’’
अजमेर शरीफ दरगाह भारत में सबसे प्रतिष्ठित सूफी दरगाहों में से एक है. हर साल दुनिया भर से लाखों जायरीन यहां उर्स मनाने के लिए आते हैं. यह ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पुण्यतिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन है. हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ और इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस वार्षिक आयोजन में देश भर से श्रद्धालु आते हैं, जो अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने और आशीर्वाद लेने आते हैं.
इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 813वें उर्स के अवसर पर अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की प्रतिष्ठित दरगाह का दौरा किया. अपनी यात्रा के बाद, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट साझा की और लिखा, ‘‘ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के पावन अवसर पर, मुझे प्रतिष्ठित दरगाह अजमेर शरीफ का दौरा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की ओर से, मैंने पवित्र चादर पेश की, जो आस्था, एकता और शांति का एक शाश्वत संकेत है जो लाखों लोगों को प्रेरित करता है.’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 813वें उर्स के अवसर पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह में उनकी ओर से चढ़ाई जाने वाली चादर पेश की.
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को चादर भेंट की गई. यह चादर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई जाती है. प्रधानमंत्री मोदी हर साल इस अवसर पर दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं.
ख्वाजा गरीब नवाज की मजार (मजार-ए-अखदास) पर चढ़ाई जाने वाली चादर श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है. उर्स के दौरान चादर चढ़ाना पूजा का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है, जिसे आशीर्वाद प्राप्त करने और मन्नतें पूरी करने के साधन के रूप में देखा जाता है.