ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के लिए पाकिस्तानी तीर्थयात्री अजमेर पहुंचे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 09-01-2025
Pakistani pilgrims reached Ajmer for the Urs of Khwaja Moinuddin Chishti
Pakistani pilgrims reached Ajmer for the Urs of Khwaja Moinuddin Chishti

 

अजमेर. पाकिस्तान से लगभग 100 तीर्थयात्री राजस्थान के अजमेर में चल रहे सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स में भाग लेने के लिए पहुंचे. उर्स 13वीं शताब्दी के संत की पुण्यतिथि का प्रतीक है, जिन्हें गरीब नजव के नाम से भी जाना जाता है.

तीर्थयात्री एक सुनियोजित यात्रा के बाद अजमेर पहुंचे, अटारी वाघा सीमा (अमृतसर, पंजाब) के माध्यम से भारत में प्रवेश किया और फिर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए एक विशेष ट्रेन से यात्रा की.

सुबह-सुबह अजमेर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. तीर्थयात्रियों ने भक्ति गीत गाया, ‘‘मेरे ख्वाजा पिया, दर पर बुला लिया.’’एक तीर्थयात्री ने कहा, ‘‘हम शांति का संदेश लेकर आए हैं. हमें उम्मीद है कि मोदी जी हमें ख्वाजा गरीब नवाज के दर्शन के लिए वीजा देते रहेंगे.’’ तीर्थयात्री अपने साथ पाकिस्तान की मशहूर मिठाइयां और गुलदस्ते समेत खास प्रसाद लेकर आए हैं.

पाकिस्तानी दूतावास के दो अधिकारियों के साथ आए इस समूह ने पाकिस्तान सरकार की ओर से चादर भी भेंट की. अजमेर जीआरपी सीओ राम अवतार ने समूह के आगमन की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘समूह में दो अधिकारियों समेत 91 सदस्य हैं. उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच स्टेशन पर स्वागत किया गया और अजमेर के सेंट्रल गर्ल्स स्कूल ले जाया गया, जहां उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है.’’

सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए प्रशासन, पुलिस, जीआरपी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. ट्रेन के आने से पहले सीआईडी और जीआरपी की टीमों ने अजमेर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा जांच की.

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे इलाके में सशस्त्र सैनिक, कमांडो और पुलिस के जवान तैनात किए गए थे. इसके बाद उन्हें रोडवेज बसों के जरिए कड़ी सुरक्षा के बीच उनके आवास तक पहुंचाया गया.

हर साल पाकिस्तान सरकार द्वारा आयोजित लॉटरी सिस्टम के जरिए अजमेर उर्स में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों का निर्धारण किया जाता है. चयनित तीर्थयात्रियों की सूची भारत सरकार को भेजी जाती है, जो प्रवेश की अनुमति देने वाले प्रतिभागियों की अंतिम संख्या तय करती है.

परंपरागत रूप से तीर्थयात्री अजमेर के चूड़ी बाजार में रुकते हैं, जहां जिला प्रशासन उनकी व्यवस्था का प्रबंधन करता है. 2 जनवरी से 10 जनवरी तक चलने वाले उर्स में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.