Pakistani establishment wants to see Hindus and Muslims always fighting: Asaduddin Owaisi
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि चाहे वह देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई हो, आतंकवादी संगठन आईएसआईएस हो या पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान, ये सभी समूह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच लड़ाई देखना चाहते हैं, यही कारण है कि पहलगाम में आतंकी हमला किया गया.
महाराष्ट्र के छत्रपति शंभाजी नगर जिले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओवैसी ने कहा, "चाहे वह आईएसआई हो या आईएसआईएस या डीप स्टेट, पाकिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान चाहता है कि इस देश में हमेशा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच लड़ाई होती रहे. इसलिए उन्होंने यह (पहलगाम) किया.गैर-मुस्लिमों, हमारे भाइयों और बहनों को मारने का एजेंडा सिर्फ एक था क्योंकि वे यह कहना चाहते थे कि कोई भी गैर-मुस्लिम यहां नहीं आ सकता." उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करेंगे कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में वापस डाला जाए, जो मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवाद विरोधी गतिविधि का मुकाबला करने में कमियों वाले देशों की पहचान करता है. उन्होंने आगे कहा कि हम पाकिस्तान पर साइबर हमला भी कर सकते हैं या नौसेना या हवाई नाकाबंदी भी कर सकते हैं.
मेरी मांग है कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में लाना जरूरी है, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, उन्हें ग्रे लिस्ट में लाना जरूरी है. वे अवैध धन से आतंकवाद को फंड कर रहे हैं. इसलिए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में लाना जरूरी है. हम इस सरकार से यह मांग करेंगे. हमें उन पर साइबर हमला भी करना चाहिए, हमारे पास एथिकल हैकर्स हैं, हम नौसेना और वायु सेना की नाकाबंदी भी कर सकते हैं, उन्होंने लोगों से अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखने और भारत की एकता को कमजोर करने वाले लोगों को जीतने न देने की अपील की.
ओवैसी ने कहा, "हम सभी से अपील कर रहे हैं कि आपके अपने राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन लोगों को जीतने न दें, जो इस एकता को कमजोर करना चाहते हैं, इस देश को कमजोर करना चाहते हैं." पाकिस्तान के खिलाफ सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "सरकार निर्णय लेगी, वे सोचेंगे और निर्णय लेंगे. विपक्ष के रूप में हमारा काम यह कहना है कि इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, इसे खत्म करना होगा. आपको कुछ चीजें सरकार पर छोड़नी होंगी." पहलगाम हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. तब से, भारत ने कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिसमें भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग की ताकत को कम करना और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से रक्षा अधिकारियों को वापस बुलाना भी शामिल है.