नई दिल्ली
पहलगाम हमले के कुछ दिनों बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक्स अकाउंट भारत में बंद कर दिया गया है. इससे पहले सोमवार को भारत ने जम्मू-कश्मीर में दुखद पहलगाम आतंकी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और गलत सूचना फैलाने के लिए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
सामूहिक रूप से, इन चैनलों के 63 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं. पिछले हफ्ते, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने एक वायरल वीडियो क्लिप में यह कहते हुए एक बड़ी बात स्वीकार की थी कि पाकिस्तान आतंकी समूहों को वित्त पोषित और समर्थन कर रहा है. एक वीडियो क्लिप जो अब वायरल हो गई है, में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बातचीत कर रहे थे, जब उन्होंने उनसे पूछा, "लेकिन आप मानते हैं, आप मानते हैं, सर, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण करने का एक लंबा इतिहास रहा है? ख्वाजा आसिफ अपने जवाब में कहते हैं, "हम लगभग 3 दशकों से संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं... और ब्रिटेन सहित पश्चिम... वह एक गलती थी, और हमने इसके लिए पीड़ा झेली, और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं.
अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता." आसिफ के बयान से यह बात उजागर होती है कि पाकिस्तान कई सालों से इन आतंकी समूहों को पनाह दे रहा है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की थी, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना.
पहलगाम हमले के मद्देनजर भारत ने 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को आश्वासन दिया कि इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के साथ-साथ इसकी साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे सजा मिलेगी. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के बचे हुए गढ़ों को खत्म करने का समय आ गया है और भारत की इच्छाशक्ति को मजबूत करना होगा. 140 करोड़ भारतीय अब आतंकवाद के दोषियों की कमर तोड़ देंगे.