इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजधानी में अपराध की दर लगातार बढ़ रही है. इस्लामाबाद में साल 2024 में 900 से अधिक लोगों का अपहरण किया गया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. पिछले साल इस्लामाबाद 152 लोगों के साथ यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ के मामले भी सामने आए. यह आंकड़े इस्लामाबाद की सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाते हैं, जो पहले देश के सबसे सुरक्षित शहरों में से एक माना जाता था.
2024 में पाकिस्तान की राजधानी में अपहरण के रिकॉर्ड 891 मामले भी दर्ज किए गए इनमें किशोर लड़कियों (483), पुरुषों (306), लड़कों और 150 से अधिक महिलाओं के अपहरण के मामले शामिल हैं.
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया, "सोन में अपहरण के 267 मामले, सदर में 214, ग्रामीण में 204, शहर में 127 और इस्लामाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों में 79 मामले दर्ज किए गए."
मामलों का विश्लेष करने से पता चला कि इनमें संपत्ति, फिरौती, महिलाओं को शादी के लिए मजबूर करने और लोगों को बंधक बनाने के इरादे से अपहरण शामिल थे. किशोरों के अपहरण के कम से कम 60 मामले भी दर्ज किए गए.
स्थानीय निवासी सईदा रेशम मसूद ने कहा, "इस्लामाबाद को हमेशा देश का सबसे सुरक्षित शहर माना जाता था, लेकिन अब यहां किसी के लिए भी सुरक्षित रहना मुश्किल हो गया है. अपहरण, हत्या, बलात्कार, डकैती और यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं. पहले महिलाएं आसानी से बाहर जाती थीं, लेकिन अब वे घर से बाहर निकलने में डरती हैं."
इससे भी अधिक परेशान करने वाली बात यह है कि पुलिस अधिकारी भी इन अपराधों में शामिल हैं. कुछ पुलिस अधिकारियों पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी हिरासत में नाबालिगों के साथ बलात्कार किया और मामले को रफा-दफा करने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की. एक मामले में, पीआईएमएस के तीन जांच अधिकारियों और एक मेडिको-लीगल अधिकारी ने बलात्कार के आरोपी के खिलाफ सबूतों को नष्ट कर दिया और आरोपी के रक्त के नमूने बदल दिए. एक अन्य मामले में, एक पुलिस अधिकारी ने दो नाबालिगों का अपहरण कर उनका यौन उत्पीड़न किया.