पाकिस्तान: सिंधी सांस्कृतिक दिवस पर निकालीं रैलियां, की स्वतंत्रता की मांग

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 02-12-2024
Pakistan: Rallies held on Sindhi Cultural Day, demand for independence
Pakistan: Rallies held on Sindhi Cultural Day, demand for independence

 

कराची. जय सिंध स्वतंत्रता आंदोलन (जेएसएफएम) ने सिंधी सांस्कृतिक दिवस के अवसर पर कराची, कोटरी और कंद्यारो सहित कई शहरों में शांतिपूर्ण विरोध रैलियां आयोजित कीं, ताकि क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और चल रहे सामाजिक-राजनीतिक संघर्षों को उजागर किया जा सके.

रैलियों में कार्यकर्ता, सांस्कृतिक उत्साही और चिंतित नागरिक शामिल हुए, जिन्होंने पारंपरिक सिंधी संगीत, अजरक और सिंधी टोपी जैसे सिंधी संस्कृति के प्रतीकों को गर्व से प्रदर्शित किया. अध्यक्ष सोहेल अब्रो, जुबैर सिंधी और अमर आजादी सहित जेएसएफएम नेताओं ने सिंध के अधिकारों, स्वतंत्रता और संप्रभुता की वकालत करते हुए जोशीले भाषण दिए. रैलियों में मुख्य संदेश सिंध की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा, धार्मिक उग्रवाद को खारिज करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने पर केंद्रित थे.

सोहेल अब्रो ने इस बात पर जोर दिया कि सिंध का संघर्ष केवल राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए ही नहीं है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की सुरक्षा के लिए भी है. अब्रो ने कहा, ‘‘सिंध के लोग अपने अधिकारों या संसाधनों से कभी समझौता नहीं करेंगे.’’ उन्होंने बाहरी दबावों के खिलाफ क्षेत्र के प्रतिरोध के हिस्से के रूप में सिंधी संस्कृति को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया.

रैलियों का एक मुख्य विषय धार्मिक उग्रवाद की अस्वीकृति था. जेएसएफएम नेताओं ने क्षेत्र में उग्रवाद के बढ़ते प्रभाव पर अपनी चिंता व्यक्त की, जो उनका मानना है कि सिंध की धर्मनिरपेक्ष पहचान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए खतरा है. जेएसएफएम नेतृत्व ने सिंधु नदी पर नई नहर परियोजनाओं के बारे में भी गंभीर चिंता व्यक्त की, चेतावनी दी कि ये परियोजनाएं सिंध को उसके पानी के सही हिस्से से वंचित करेंगी, जिससे क्षेत्र की कृषि, आजीविका और पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में पड़ जाएगा.

रैलियों ने सिंधी और बलूच राजनीतिक कार्यकर्ताओं के चल रहे जबरन गायब होने और न्यायेतर हत्याओं की निंदा करने के लिए एक मंच के रूप में भी काम किया. जेएसएफएम नेताओं ने पीड़ितों के लिए जवाबदेही और न्याय की मांग की, इन मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने का आह्वान किया. रैलियों का मुख्य संदेश स्वतंत्र सिंधुदेश का आह्वान था.

जेएसएफएम नेताओं ने दोहराया कि सिंध की संस्कृति, संसाधनों और संप्रभुता की रक्षा के लिए स्वतंत्र सिंधुदेश आवश्यक है, उन्होंने इस क्षेत्र को प्रणालीगत शोषण और दमन से बचाने के लिए एकता और आत्मनिर्णय की आवश्यकता पर जोर दिया.

जुबैर सिंधी ने कहा, ‘‘दुनिया को सिंधियों और बलूचों के खिलाफ चल रहे अन्याय पर ध्यान देना चाहिए. सिंध न्याय और स्वतंत्रता प्राप्त होने तक अपना शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखेगा. हमारी संस्कृति हमारी ताकत है, और आज हम दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देते हैं - सिंध अपनी पहचान या संप्रभुता को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा.’’