पाक रक्षा मंत्री का बयान बताता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला ‘दुष्ट देश’ है: भारत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 29-04-2025
Pak Defence Minister's statement shows that Pakistan is a 'rogue country' promoting terrorism: India
Pak Defence Minister's statement shows that Pakistan is a 'rogue country' promoting terrorism: India

 

संयुक्त राष्ट्र
 
भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुलेआम कबूल किया है कि उनके देश का आतंकवादी संगठनों का समर्थन और वित्तपोषण करने का इतिहास रहा है, और यह कबूलनामा उजागर करता है कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला एक ‘‘दुष्ट देश’’ है और क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है.
 
संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक कार्यालय के ‘विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म एसोसिएशन नेटवर्क’ (वोटन) के डिजिटल सह प्रत्यक्ष (हाइब्रिड) उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया और पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले का संदर्भ दिए जाने पर अपने ‘जवाब देने के अधिकार’ का इस्तेमाल करते हुए इसका जोरदार तरीके से उत्तर दिया.
 
पटेल ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विशेष प्रतिनिधि ने दुष्प्रचार करने और भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए इस मंच का दुरुपयोग करने और इसे कमजोर करने का विकल्प चुना है.’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को हाल में एक टेलीविजन साक्षात्कार में आतंकवादी संगठनों का समर्थन, प्रशिक्षण और वित्त पोषण करने के पाकिस्तान के इतिहास को कबूलते हुए सुना है.’’
 
पटेल ने जोर देकर कहा कि ‘‘इस खुले कबूलनामे से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ, बल्कि इसने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले और क्षेत्र को अस्थिर करने वाले एक दुष्ट राष्ट्र के रूप में उजागर किया है. दुनिया अब और आंखें नहीं मूंद सकती. मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है.’’
 
‘स्काई न्यूज’ पर हाल में एक साक्षात्कार में आसिफ ने कहा था, ‘‘ठीक है, हम लगभग तीन दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह नापाक काम कर रहे हैं’’. अपनी इस टिप्पणी में उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन तथा प्रशिक्षण देने और उनका वित्त पोषण करने का एक लंबा इतिहास रहा है.