नई दिल्ली / श्रीनगर / कोलकाता / मुंबई / रांची
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। बुधवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, रांची और श्रीनगर सहित देश के कई हिस्सों में आम लोगों, राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों और व्यापारिक समूहों ने कैंडल मार्च और विरोध-प्रदर्शन कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) ने जंतर मंतर पर मोमबत्तियां जलाकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने इस हमले को कश्मीर घाटी में पुलवामा के बाद सबसे भयावह बताया और कहा कि“यह पहली बार है जब पर्यटकों को निशाना बनाया गया है। यह सीधे-सीधे मानवता पर हमला है। सरकार को दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।”
दिल्ली में कांग्रेस की युवा इकाई ने रायसीना रोड स्थित पार्टी मुख्यालय से कैंडल मार्च निकाला। वहीं राजधानी के व्यापारिक संगठनों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया और 25 अप्रैल को ‘दिल्ली बंद’ का ऐलान किया।
दिल्ली व्यापार महासंघ ने बैसरन घाटी जैसे शांतिपूर्ण पर्यटन स्थल पर हुए इस नरसंहार को "मानवता के खिलाफ अपराध" बताया।
मुंबई के दादर में कांग्रेस के विरोध मार्च में नेता विजय वडेट्टीवार ने हमले को खुफिया तंत्र की विफलता बताया। उन्होंने कहा:“पर्यटकों के बीच सुरक्षा क्यों नहीं थी? खुफिया एजेंसियां हमले की आशंका क्यों नहीं भांप पाईं? यह चूक माफ़ नहीं की जा सकती।”
पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में एस्प्लेनेड तक रैली निकाली गई। उन्होंने कहा:“निर्दोष हिंदुओं को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। मोदी सरकार इसका करारा जवाब देगी।”
रांची में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने जयपाल सिंह स्टेडियम से मशाल जुलूस निकाला। ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘हिंदू नरसंहार बंद करो’ जैसे नारे लगे। मरांडी ने कहा:“हमें सिर्फ आतंकवादियों को नहीं, उनके सरगनाओं और अड्डों को भी खत्म करना होगा।”
जम्मू-कश्मीर में स्थानीय राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने मिलकर इस हमले के खिलाफ आवाज बुलंद की।नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने श्रीनगर में अपने-अपने दफ्तरों से लाल चौक तक मार्च निकाला।
घंटाघर पर नागरिक संगठनों और व्यापारिक समूहों ने भी धरना देकर पीड़ितों के प्रति संवेदना और आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
यह हमला पहलगाम के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले बैसरन में हुआ था। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इसकी जिम्मेदारी ली है। हमले में मारे गए अधिकांश लोग पर्यटक थे, जो छुट्टियां मनाने आए थे।