रांची
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए भारतीय खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी मनीष रंजन के एक मित्र ने बताया कि छुट्टी से लौटने के बाद उन्होंने अपने माता-पिता को वैष्णो देवी मंदिर दर्शन के लिए ले जाने की योजना बनाई थी.
रंजन का पार्थिव शरीर लेने के लिए बृहस्पतिवार को रांची हवाई अड्डे पर पहुंचे उनके मित्र संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि वह एक मेधावी छात्र थे.संजीव ने बताया, ‘‘रंजन के पिता हाल ही में झालदा स्थित हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसने इस छुट्टी के बाद अपने माता-पिता को वैष्णो देवी ले जाने की योजना बनाई थी.’’
रंजन हैदराबाद में आईबी के 'सेक्शन ऑफिसर' के पद पर तैनात थे और पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में उनके साथ 26 लोग मारे गए.रंजन के पार्थिव शरीर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के झालदा स्थित उनके पैतृक स्थान ले जाने के लिए रांची हवाई अड्डे पर आए उनके एक अन्य मित्र आदित्य शर्मा ने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना घटेगी.
लोग कहते हैं कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन निर्दोष लोगों को उनके धर्म के कारण बेरहमी से मार दिया गया.’’भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत अन्य नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर रंजन को श्रद्धांजलि दी.
मरांडी ने कहा, ‘‘धर्म के आधार पर निर्दोष लोगों की हत्या करना क्षमा योग्य नहीं है. सरकार अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाएगी. हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं को भी नहीं बख्शा जाएगा.’’