प्रयागराज
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि गुरुवार सुबह 8 बजे तक महाकुंभ में 45.11 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे.संगम में 10 लाख से अधिक कल्पवासी मौजूद थे, जबकि गुरुवार सुबह तक पवित्र डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 55.11 लाख से अधिक हो गई थी.
महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक, 29 जनवरी को 'मौनी अमावस्या' के मौके पर पवित्र संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 275 मिलियन (27.5 करोड़) को पार कर गई.अधिकारियों ने भीड़ प्रबंधन और सुविधाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्थाओं को और तेज कर दिया है.
बुधवार को महाकुंभ में तड़के भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कई लोग मारे गए और कई घायल हो गए.भगदड़ के कारण कुछ समय के लिए संतों के छोटे जुलूसों का आना-जाना रुक गया, लेकिन इसके बाद भी मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरे अमृत स्नान के लिए संत त्रिवेणी संगम पर पहुंचते रहे.
कुंभ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) वैभव कृष्ण ने बताया कि बुधवार को हुई भगदड़ में कम से कम 30 लोग मारे गए और 60 लोग घायल हो गए.उन्होंने यह भी बताया कि 25 शवों की पहचान की जा चुकी है.यह घटना उस समय हुई जब लाखों श्रद्धालु मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर गंगा और यमुना नदियों के संगम पर स्नान के लिए एकत्रित हुए थे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई.उन्होंने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है.इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.मैं घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं.स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की मदद करने में जुटा है."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी महाकुंभ में हुई दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति की निगरानी की जा रही है.