ओडिशा पहुंचे प्रवासी भारतीय व्यवस्थाओं से गदगद , बोले- पीएम मोदी ने विदेशों में हमारा सम्मान बढ़ाया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-01-2025
NRIs who reached Odisha are overjoyed with the arrangements, said- PM Modi has increased our respect in foreign countries
NRIs who reached Odisha are overjoyed with the arrangements, said- PM Modi has increased our respect in foreign countries

 

भुवनेश्वर. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बुधवार को तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. 50 से ज्यादा देशों के गणमान्य शिरकत कर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को इस कार्यक्रम का औपचारिक रूप से उद्घाटन करेंगे.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इसमें मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू का डिजिटल तरीके से संबोधन होगा. सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 जनवरी को समापन भाषण देंगी.

वहीं, मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने बताया कि इस कार्यक्रम में 5 हजार से अधिक प्रवासी भारतीय शामिल होंगे . भुवनेश्वर, पुरी और जाजपुर में 21 जगहों को चुना गया है. जहां उन्हें ले जाया जाएगा. सम्मेलन का उद्देश्य ओडिशा में इंटरनेशनल टूरिस्ट्स को बढ़ाना है.

अमित कुमार ने संबंध में आईएएनएस से बातचीत में इस कार्यक्रम के बारे में कहा कि मैं भारतीय हूं और पिछले 16 साल से सिंगापुर में रह रहा हूं और वहीं काम कर रहा हूं. मैं स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में कार्यरत हूं. मैं भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ सिंगापुर की तरफ से आया हूं और सिंगापुर के उच्चायोग ने हमें बुलाया था. मोहन चरण मांझी भी हमारे साथ थे, हम लोग उनसे मिले थे. उन्होंने भी हमें प्रधानमंत्री मोदी जी की तरफ से आमंत्रण दिया था और अपनी तरफ से भी हमें बुलाया था. यह बहुत सुखद बात है कि प्रधानमंत्री का संदेश हम तक पहुंचा और इसी तरह से यह संदेश दुनिया भर में फैल रहा होगा. आप समझ सकते हैं कि सरकार का दृष्टिकोण कितना स्पष्ट है कि वह जमीनी स्तर तक पहुंच रही है, और यह बहुत ही दुर्लभ है. विकसित भारत के बारे में आप क्या कहेंगे, और पिछले दशक में आपने क्या बदलाव महसूस किया है?

उन्होंने कहा कि सबका विकास समान रूप से हुआ है और सब पर समान ध्यान दिया जा रहा है, चाहे वे देश में हों या किसी भी तबके से. आप देख सकते हैं कि हमारे लोकेश जो दुनिया में सबसे युवा चैंपियन बने, मोदी जी ने उन्हें बुलाया, उनसे बात की और पूछा कि वे देश को और कैसे आगे बढ़ा सकते हैं. अगर प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण इतना स्पष्ट हो कि हर व्यक्ति तक पहुंचा जाए, तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है? आपको यह भी पता है कि भारत की जनसंख्या आज दुनिया में पहले या दूसरे स्थान पर है, और इस तरह सभी तक पहुंचना संभव हो पाया है. जहां भी हम रहे, चाहे वह अफ्रीका में हो या ग्वाना में, हर कोई आज अपने आप को भारतीय होने पर गर्व महसूस करता है. भारतीयों का सम्मान विदेशों में बहुत बढ़ गया है, और इसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता.

वहीं, डॉक्टर अरुण कुमार प्रहेराज ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बहरीन से आया हूं. पिछले 10 वर्षों में भारत में जो परिवर्तन और प्रगति देखी है, वह बहुत ही सकारात्मक रही है. ओडिशा में होने जा रहा 18वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है. ओडिशा में खनिज संसाधन, पर्यटन सुविधाएं और अन्य संभावनाओं से भरपूर अवसर हैं, जो राज्य को और अधिक विकसित बना सकते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय समुदाय विदेशों में भी बहुत सम्मानित महसूस करता है. भारतीय दूतावासों द्वारा विदेशों में भारतीयों को उनकी सुविधाओं, निवेश के अवसरों और सांस्कृतिक जागरूकता के बारे में शिक्षा दी जा रही है. यह पूरी दुनिया में भारतीयों की पहचान और प्रभाव को बढ़ा रहा है.

नूतन ठाकुर ने भी आईएएनएस से इस संबंध में बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैं एक ब्रॉडकास्टर हूं और स्पाइस रेडियो 1200 एम पर काम करती हूं. इसके साथ ही, मैं रेट्रो रंचिम शो की मेज़बान भी हूं और टीवी सीरीज़ और हॉलीवुड फिल्मों में काम करती हूं. यहां आने के बाद से मेरा दिल खुश हो गया है. एयरपोर्ट पर हमें भव्य स्वागत मिला और पूरा शहर जगमगाता हुआ नजर आ रहा है. लोग कहते हैं कि मोदी जी अवतार हैं, लेकिन मैं कहती हूं कि यह शब्द हमारी डिक्शनरी से हटा देना चाहिए. मोदी जी ने वो किया जो पहले असंभव लगता था, और उन्होंने इसे संभव किया. मोदी जी ही हैं, जो असंभव को संभव बनाते हैं.

प्रमोद प्रसाद ने कहा कि मैं रियल एस्टेट और फाइनेंशियल क्षेत्र में काम करता हूं. मैं पिछले 30 सालों से कोरबा, कनाडा में रहता हूं. भारत के प्रति मेरा प्यार और गर्व पहले जैसा ही है. लेकिन, अब काफी फर्क आ चुका है. 30-40 साल पहले जब हम भारत जाते थे, तो वहां कई तरह की पाबंदियां होती थीं और लोग हमें अलग नजर से देखते थे. अब, हम गर्व से कहते हैं कि हम भारतीय हैं और हमारे देश का विकास हो चुका है. अब हम सीना तानकर कहते हैं कि हम आगे बढ़ रहे हैं.