"No option for Muslim community, but to fight back": Congress' Naseer Ahmed on Waqf bill
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव नसीर अहमद ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम समुदाय के विद्वानों और नेताओं के साथ मिलकर वक्फ विधेयक में संशोधन का विरोध करेगा, जिसे केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के पास वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. नसीर अहमद ने एएनआई को बताया, "ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक कर्नाटक में हो रही है.
दिल्ली मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विद्वान भी इस विधेयक पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित करेंगे, जिसे केंद्र सरकार भारत में मुस्लिम समुदाय पर लागू करने की कोशिश कर रही है." "हम भारत में अल्पसंख्यकों और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि हैं. हम सभी केंद्र सरकार से वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा करने के लिए कह रहे हैं. सरकार के साथ-साथ जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) भी इस कानूनी बाधा में मुस्लिम समुदाय का समर्थन करने के बजाय इसे थोपने की कोशिश कर रही है." कांग्रेस एमएलसी अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक जेपीसी का गठन किया है और इसमें केवल उनके गुट के नेता शामिल हैं जो भारत में मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार जो मौजूदा कानून में संशोधन लाने पर अड़ी हुई है, वह मुस्लिम समुदाय से जुड़े विचारों और मुद्दों पर विचार नहीं कर रही है." कांग्रेस नेता ने कहा, "यही कारण है कि आज बेंगलुरु में दिल्ली से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों ने भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, अगर केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय पर कानून थोपने और लागू करने की कोशिश करती है."
उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के सभी हितधारक बैठक में भाग लेंगे और चर्चा करेंगे कि हम मुस्लिम समुदाय पर संशोधन लागू करने के बजाय केंद्र सरकार को निर्णय वापस लेने के लिए कैसे मजबूर कर सकते हैं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव ने कहा. उन्होंने कहा कि बैठक में मस्जिद सर्वेक्षण, लिंचिंग, धार्मिक स्वतंत्रता और समान नागरिक संहिता सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.