मालदा (पश्चिम बंगाल)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का दौरा किया और उन लोगों से मुलाकात की जिन्होंने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के चलते अपने घर छोड़कर अस्थायी शिविरों में शरण ली है.
एनएचआरसी ने हाल ही में मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध के दौरान भड़की हिंसा का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए एक टीम भेजने का निर्णय लिया था.
आयोग की टीम ने मालदा के पार लालपुर हाई स्कूल में स्थापित राहत शिविर में रह रहे हिंसा प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं और शिकायतें सुनीं.
एनएचआरसी को इस संबंध में मानवाधिकार उल्लंघन की औपचारिक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर यह कदम उठाया गया.आयोग ने संबंधित अधिकारियों को तीन सप्ताह के भीतर इस पूरे मामले पर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
अधिकारियों के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में हाल ही में हिंसक झड़पें हुई थीं, जिनमें तीन लोगों की जान चली गई.हिंसा के डर से कई स्थानीय निवासी अपने घर छोड़कर भागे और उन्होंने मालदा में अस्थायी शिविरों में पनाह ली.
बताया जा रहा है कि यह हिंसा केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के विरोध में शुरू हुई, जिसने कई समुदायों में नाराजगी और तनाव को जन्म दिया.एनएचआरसी की यह यात्रा हिंसा पीड़ितों की स्थिति का मूल्यांकन करने और उनके मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई है.