रायबरेली में दिवाली पर नई शुरुआत, कैदी बना रहे स्वदेशी सामान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 25-10-2024
New beginning on Diwali in Rae Bareli, prisoners making indigenous goods
New beginning on Diwali in Rae Bareli, prisoners making indigenous goods

 

रायबरेली
 
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दिवाली के त्योहार को लेकर जिला जेल प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. जिला जेल के बाहर बिक्री केंद्र खोला गया है. जिनमें कैदियों द्वारा बनाए सामान बेचे जाएंगे. जिसमें मिट्टी और गोबर से बने दीपक शामिल हैं. रायबरेली के जेल अधीक्षक अमन कुमार सिंह ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. 
 
अमन कुमार सिंह ने बताया कि जेल मुख्यालय द्वारा हमें 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ' (ओडीओपी) के तहत मिट्टी की कई आकृतियां बनाने को कहा गया. इसके तहत हम कैदियों के साथ मिलकर कई डिजाइन के मिट्टी के दीये और फूल बनाते हैं. तरह-तरह के लालटेन और कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं. इस तरह हमारे पास 30 तरह के उत्पाद हैं. हमने जेल के बाहर दुकानें लगाई हैं. इस दुकान पर 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के उत्पाद उपलब्ध हैं.
 
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. ये सभी वस्तुएं कैदियों द्वारा बनाई जा रही हैं. इससे कैदियों में सम्मान और उद्देश्य की भावना पैदा होती है. इससे कैदियों को यह अहसास होता है कि समाज से उनका जुड़ाव बढ़ रहा है. इससे उन्हें बहुत लाभ होगा.
 
बता दें कि उत्तर प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) की तरह अब रायबरेली जेल के कैदियों द्वारा बनाया जा रहा वन जेल वन प्रोडक्ट (ओजेओपी) अपनी खास पहचान बना रहा है. कैदी यहां मिट्टी और गोबर से दीये भी बना रहे हैं, जो दिवाली पर आने वाले चीनी उत्पादों को टक्कर दे रहे हैं. इस दिवाली अयोध्या में 25 लाख दीये जलाने के लक्ष्य को रायबरेली जेल में बने दीये भी पूरा करेंगे.
 
इस कार्य के लिए बंदियों को प्रशिक्षित कर हुनरमंद बनाया जा रहा है. जिला जेल में बंद कैदी तरह-तरह के उत्पाद बनाकर जेल को नई पहचान दे रहे हैं और आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं.