संभल में सांप्रदायिक तनाव के बीच नकवी ने एकता का आह्वान किया, विपक्ष पर निशाना साधा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 25-11-2024
Naqvi calls for unity amid communal tension in Sambhal, hits out at opposition
Naqvi calls for unity amid communal tension in Sambhal, hits out at opposition

 

नई दिल्ली
 
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने संभल में हाल ही में हुई हिंसा के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराने के लिए विपक्ष की निंदा की, जहां पथराव की घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई में चार युवकों की मौत हो गई थी. उन्होंने अशांति पैदा करने वालों से निपटने के लिए सद्भाव और एकता की जरूरत पर जोर दिया.
 
संभल की घटना के बाद बढ़ते तनाव और गरमागरम राजनीतिक बयानबाजी के बीच नकवी की यह टिप्पणी आई है.
 
उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को अराजकता फैल गई, जब मुगलकालीन जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण के कारण स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें चार युवकों की मौत हो गई. अधिकारियों ने सोमवार को सख्त सुरक्षा उपाय लागू किए और इलाके में स्कूल और कॉलेज बंद करने और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के लिए निषेधाज्ञा लागू की.
 
बाहरी लोगों को 1 दिसंबर तक संभल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है और किसी भी जनप्रतिनिधि को इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही सार्वजनिक सभाओं पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर चुनावी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया. लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यादव ने आरोप लगाया, "चुनावी मुद्दों पर कोई बहस न हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए सुबह जानबूझकर एक सर्वेक्षण टीम भेजी गई." 
 
लोकसभा के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, "उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुए विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपातपूर्ण और जल्दबाजी वाला रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है." उन्होंने कहा, "सभी पक्षों की बात सुने बिना प्रशासन की असंवेदनशील कार्रवाई ने स्थिति को और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मौत हो गई - जिसके लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है." इस बीच, नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "उत्तर प्रदेश के संभल में अचानक हुए विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. 
 
जिस तरह से प्रशासन ने दूसरे पक्ष की बात सुने बिना और दोनों पक्षों को विश्वास में लिए बिना इतने संवेदनशील मामले में जल्दबाजी में काम किया, उससे पता चलता है कि सरकार ने ही माहौल खराब किया." इन आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नकवी ने कहा, "हमें सद्भाव की शक्ति से इस तरह की सांप्रदायिक गड़बड़ियों का मुकाबला करना चाहिए. राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक तनाव का फायदा उठाने के बजाय, हमें इससे होने वाले संवेदनशील घावों को भरने की जरूरत है. ऐसी घटनाओं का जश्न मनाने या उन्हें बढ़ावा देने वाले लोग समाज और मानवता के दुश्मन हैं." आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने भाजपा के खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया और पिछली सरकारों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा के ऐतिहासिक रिकॉर्ड की ओर इशारा किया. 
 
"कुछ राजनीतिक दल ऐसी घटनाओं के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन अगर सांप्रदायिक दंगों, नरसंहारों और नरसंहारों के इतिहास की जांच की जाए, तो वे शर्मिंदा हो जाएंगे. दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस ने भागलपुर, भिवंडी, अलीगढ़ और 1984 के दिल्ली दंगों सहित हजारों सांप्रदायिक दंगों की देखरेख की. इन घटनाओं ने उनके रिकॉर्ड पर एक अमिट दाग छोड़ दिया है," नकवी ने कहा. भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि सांप्रदायिक हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता, चाहे वह कब और कहां हुई हो. उन्होंने कहा, "दंगे चाहे सालों तक चले या घंटों तक, वे मानवता पर कलंक बने रहते हैं. हमें एकता की ताकत से सांप्रदायिकता के इस अभिशाप को मिटाना होगा. सरकार, प्रशासन, समाज और राजनीतिक दलों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वालों का मनोबल तोड़ें और समुदाय के भीतर सद्भाव को मजबूत करें."