जयपुर.
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में भजन लाल शर्मा का नाम महज 15 मिनट में तय कर लिया गया, लेकिन यह इतना अप्रत्याशित था कि घोषणा के बाद बैठक में सन्नाटा छा गया, क्योंकि वह पहली बार विधायक बने हैं.
यह जानकारी पार्टी सूत्रों ने दी। केंद्रीय पर्यवेक्षक बनकर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा शर्मा का नाम प्रस्तावित करवाने के बाद विधायकों से पूछा कि अगर कोई और नाम हो तो विधायक बता सकते हैं.
हालांकि, इसे आलाकमान का फैसला मानते हुए एक भी विधायक कुछ नहीं बोला और इस तरह 15 मिनट में नए मुख्यमंत्री का फैसला हो गया. सूत्रों ने बताया कि शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला दिल्ली में पहले ही तय हो चुका था और पर्यवेक्षकों को कथित तौर पर एक सीलबंद लिफाफा दिया गया था, जिसे विधायक दल की बैठक में ही खोला गया.
विधायक दल की बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी के साथ एक होटल में बातचीत की थी. बैठक शुरू होते ही राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को एक पर्ची दी, जिसमें नए मुख्यमंत्री का नाम था और उन्होंने नाम का प्रस्ताव रखा। यही पैटर्न मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी अपनाया गया.
सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान की ओर से राजनाथ सिंह को निर्देश था कि प्रस्ताव वसुंधरा राजे ही रखेंगी. नए मुख्यमंत्री का नाम उनके द्वारा प्रस्तावित कराने की जिम्मेदारी लेकर विशेष रूप से राजनाथ सिंह को भेजा गया था.
उपमुख्यमंत्री बनाए गए प्रेमचंद बैरवा का झुकाव भी वसुंधरा राजे की ओर माना जाता है. यूं तो विधायक दल की बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा नेता चुने जाने का नियम रहा है, लेकिन बैठक में आलाकमान का फरमान सब पर भारी पड़ गया.
बैठक शुरू होते ही जोशी ने संक्षिप्त भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा ''एक अनुशासित पार्टी है और यहां संगठन की रीति-नीति के मुताबिक फैसले लिए जाते हैं.''
उन्होंने कहा, "पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता होने के नाते हम सभी केंद्रीय नेतृत्व के फैसलों को स्वीकार करते रहे हैं. यह हमारी परंपरा रही है. आज भी उसी परंपरा का पालन करना है."
अपना भाषण खत्म करने के बाद राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से पर्ची खोलकर मुख्यमंत्री का नाम प्रस्तावित करने को कहा. चुनाव के बाद शर्मा की हाईकमान के किसी भी नेता से मुलाकात नहीं हुई थी.
वह जयपुर में ही रहे, दिल्ली भी नहीं गए थे. विधायक दल की बैठक से पहले उन्हें खुद भी नहीं पता था कि वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे.