मुजफ्फरनगर. उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां मंदिर-मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर इन सब विवादों से परे हिंदू-मुस्लिम मिलकर सांप्रदायिक सौहार्द की एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए दिख रहे हैं. ये मिशाल देखने को मिल रही है मुजफ्फरनगर जिले के उसी बुढ़ाना इलाके में, जहां कुछ महीने पहले हिंदू और मुस्लिम समाज के बीच टकराव स्थिति बनी थी. बुढ़ाना में तीन दिन पूर्व मुस्लिम समाज के ही कुछ लोगों द्वारा तोड़ी गई एक मजार को हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग मिलकर फिर से बना रहे हैं.
टीवी9 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ भू-माफियाओं ने इस मजार में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में पुलिस ने शिकायत मिलने पर मुस्लिम समाज के ही कई लोगों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया था.
अब बुधवार को इस मामले में एक नया मोड़ उस समय आ गया, जब इस मजार की मरम्मत करने के लिए हिंदू-मुस्लिम समाज के लोग यहां पर पहुंचे. इन्होंने मजार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह मजार तकरीबन 150 वर्ष पुरानी है. अयाजउद्दीन का आरोप है कि उन्हीं के परिवार से कुछ लोगों ने अपने मुनाफे को लेकर इस मजार में तोड़फोड़ की है.
बरहाल इस मजार की मरम्मत का कार्य अयाजउद्दीन सिद्दीकी और क्षेत्र के हिंदू समाज के लोगों द्वारा आज पुलिस सुरक्षा में शुरू करा दिया गया है, जबकि इस मामले में पुलिस ने भी गुलजारुद्दीन, आमिर जिया, अमान और 10 से 15 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किए हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक, इन दबंग भू-माफियाओं ने मजार के पास पेट्रोल पंप बनाने को लेकर इस मजार में तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था. बता दें कि इस मजार को इस क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी माना जाता है, क्योंकि इस मजार को दोनों ही धर्म के लोग पूजते हैं. इसलिए इस मजार में तोड़फोड़ के बाद दोनों ही धर्म के लोगों में आक्रोश है.