राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-पाटन
गुजरात के एक गांव के लोगों ने यह साबित कर दिया है कि धर्म लोगों के बीच बाधा नहीं बनेगा. गुजरात राज्य में पाटन जिले के डेटली गांव में एक हिंदू मंदिर के निर्माण में मुसलमानों ने योगदान दिया है. इसके अलावा, वे मंदिर में हिंदू भक्तों को चाय और कॉफी परोस कर स्वयंसेवकों के रूप में सेवा कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन की ओर से आयोजित यज्ञ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को मुफ्त में शरबत पिलाकर मुस्लिम भाई मिसाल कायम कर रहे हैं.
एबीपीटीवीन्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, डेथली गांव में चामुंडा माता मंदिर का हाल ही में पुनर्निर्माण किया गया था. इसके लिए 1 करोड़ रुपये तक खर्च किए जा चुके हैं. इस बीच, यह उल्लेखनीय है कि इस मंदिर के निर्माण में मुसलमानों ने भी योगदान दिया और योगदान दिया. 11 लाख 11 हजार 111 इस गांव के मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रदान किया गया था. इस गांव की आबादी 6 हजार है. इनमें 30 फीसदी मुसलमान हैं. पिछले साल मंदिर प्रबंधन समिति ने चामुंडा माता मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य किया था. तब से लेकर अब तक फंड जुटाने में मुस्लिम समुदाय ने भी योगदान दिया है.
आगा खान मोमिन समुदाय के नेता अकबर मोमिन ने कहा कि वे सभी धर्मों के बीच सद्भाव से रहते हैं और उनके गांव में अब तक कोई सांप्रदायिक दंगा या हिंसा नहीं हुई है.
12 अक्टूबर से मंदिर में तीन दिनों तक यज्ञ किया जा रहा है. इसी पृष्ठभूमि में स्थानीय मुसलमान उस परिसर में भक्तों को मुफ्त चाय-कॉफी उपलब्ध करा रहे हैं. मोमिन ने कहा कि हिंदू भक्तों को मुफ्त चाय-कॉफी उपलब्ध कराने के लिए मुस्लिम समुदाय के तत्वावधान में मंदिर परिसर में एक चाय-कॉफी काउंटर स्थापित किया गया है. मुसलमान प्रतिदिन 50 हजार कप चाय भक्तों को देते हैं.
डेठली गांव के सरपंच विक्रम सिंह दरबार ने कहा, ‘‘मुसलमान मंदिर में भक्तों को खाने-पीने का सामान और चाय मुहैया करा रहे हैं. तीन दिवसीय यज्ञ की तैयारी एक माह से चल रही है. मुसलमान भी इस यज्ञ का अभिन्न अंग हैं. सरपंच ने समझाया कि मुसलमानों के साथ अन्य धर्मों की तरह उदारतापूर्वक व्यवहार किया जाता है.
सुन्नी मुस्लिम ट्रस्टी इब्राहिम शेख ने कहा कि वे मंदिर में सभी भक्तों को हिंदुओं की तरह टोपी पहनकर पेय परोस रहे हैं. उल्लेखनीय है कि मुसलमान भी मंदिर की रसोई में जाकर काम साफ करते हैं और वहां से खाना लाते हैं और भक्तों में बांटते हैं. गुजरात राज्य के डेठली गांव के मुसलमानों ने यह साबित कर दिया है कि धर्म लोगों के बीच बाधा नहीं बनना चाहिए, सभी लोग समान हैं और ईश्वर एक ही है, न केवल शब्दों में, बल्कि व्यवहार में भी.