नई दिल्ली. दुनिया के पहले समलैंगिक इमाम मुहसिन हेंड्रिक्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद कई संगठनों ने इसकी निंदा की. अब इंडियन मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी (आईएमएसडी) ने इमाम की हत्या की निंदा की है.
आईएमएसडी ने कहा, ‘‘किसी भी भगवान, देवी, देवता, पैगम्बर या संत का नाम लोगों की हत्या और आतंकित करने के लिए नहीं लिया जा सकता है.” यूनिवर्सिटी ऑफ केप टाउन में ‘सेंटर फॉर कंटेम्पररी इस्लाम’ में हेंड्रिक्स के सहयोगियों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “उनका धर्मशास्त्र एक मुक्तिवादी धर्मशास्त्र था. खुदा सभी इंसानों के लिए प्रेम और न्याय का ईश्वर है.’’
मुसलमानों के एक वर्ग द्वारा सोशल मीडिया पर इमाम की हत्या को सही ठहराए जाने की निंदा करते हुए आईएमएसडी ने कहा, “इस तरह की हिंसा और क्रूरता की भयावहता ने मुस्लिम समुदाय में समलैंगिकता के प्रति व्यापक नफरत को उजागर किया है.”
इमाम हेंड्रिक्स को दक्षिणी अफ्रीकी शहर गकेबरहा में शनिवार को दो नकाबपोशों ने उस समय गोली मार दी जब वह अपनी कार में बैठे थे. पुलिस ने हत्या के पीछे कोई कारण नहीं बताया है. हालांकि राजनीतिक दलों और एलजीबीटीक्यू संगठनों का कहना है कि हेंड्रिक्स को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने केप टाउन में समलैंगिक लोगों के लिए एक मस्जिद खोली थी और एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्यों का इस्लाम में स्वागत करने का आह्वान किया था.
हेन्ड्रिक्स 1990 के दशक के मध्य में सार्वजनिक रूप से समलैंगिक इमाम के रूप में सामने आए थे और उन्होंने एक सहायता नेटवर्क शुरू किया और बाद में समलैंगिक मुसलमानों के लिए एक मस्जिद भी बनवाई. उन्होंने अपने अल-गुरबाब फाउंडेशन के माध्यम से उनके समावेश की वकालत की और खुद को ष्दुनिया का पहला खुले तौर पर समलैंगिक इमाम कहा.