जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की एक महिला कांग्रेस नेता रेखा विनोद जैन को सोशल मीडिया पर हिंदू देवता परशुराम की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया है. यह नोटिस जबलपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने जारी किया है, जिन्होंने 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है.
रविवार को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, ‘‘आपने हिंदू धर्म के देवता परशुराम के खिलाफ अपनी फेसबुक आईडी के जरिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है और उनकी तुलना औरंगजेब से की है...आपने न केवल भारतीय संविधान, बल्कि कांग्रेस पार्टी के संविधान का भी उल्लंघन किया है, जिससे पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि धूमिल हुई है. इसने पार्टी की धर्मनिरपेक्ष नीति का उल्लंघन किया है और यह कृत्य अनुशासनहीनता के दायरे में आता है.’’
नोटिस में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि कांग्रेस पार्टी एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, जो भारत में हर धर्म और समाज का समान रूप से सम्मान करती है. नोटिस में कहा गया है, ‘‘आपके द्वारा किए गए कृत्य के आधार पर, आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और नोटिस प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर, आपको पोस्ट के संबंध में अपने कृत्य के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और अपना जवाब भेजना चाहिए. यदि आप 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं और संतोषजनक जवाब नहीं भेजते हैं, तो कांग्रेस पार्टी के संविधान के अनुसार आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.’’
उल्लेखनीय है कि 12 मार्च को फेसबुक पर एक पोस्ट में, जिसे अब हटा दिया गया है, कांग्रेस नेता रेखा विनोद जैन ने औरंगजेब के व्यक्तित्व की तुलना परशुराम से करते हुए कहा था कि औरंगजेब ने अपने भाई का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया, जबकि परशुराम ने अपनी मां का सिर काटा था. उन्होंने कहा, ‘‘...औरंगजेब ने अपने भाई का सिर काटकर अपने पिता को भेंट किया, जबकि परशुराम ने अपनी मां का सिर काटा...औरंगजेब क्रूर था, कोई भी उसे आदर्श नहीं मानता, मुसलमान भी अपने बच्चों का नाम औरंगजेब नहीं रखते. लेकिन हिंदुत्व के अनुयायी परशुराम के मंदिर भी बनाते हैं...’’
बाद में, कांग्रेस नेता ने पोस्ट को हटा दिया और अपने कृत्य के लिए माफी भी मांगी और कहा कि पोस्ट अज्ञानता के कारण शेयर की गई थी और उन्हें इसका खेद है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘अज्ञानता के कारण मेरी वॉल से एक पोस्ट शेयर की गई थी, जिसके लिए मुझे खेद है. किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है. जैसे ही यह मेरे संज्ञान में आया, मैंने उस पोस्ट को वॉल से हटा दिया. साथ ही, मैं आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सभी से माफी मांगती हूं.’’
कांग्रेस पार्टी ने जैन की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है, विधायक रामकिशोर दोगने ने कहा कि यह उनकी निजी राय है. उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी निजी राय हो सकती है और उन्हें इसका जवाब देना चाहिए. कांग्रेस की न तो ऐसी कोई विचारधारा है और न ही वह ऐसी चीजों के बारे में सोचती है. कांग्रेस कभी इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करती. उसने इतिहास को आगे बढ़ाया है और उसके अनुसार देश को आगे बढ़ाया है...जैन के विचार उनके निजी हो सकते हैं. इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.’’
हालांकि, मध्य प्रदेश के मंत्री और भाजपा नेता विश्वास सारंग ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना कांग्रेस की आदत बन गई है. सारंग ने कहा, ‘‘कांग्रेस की आदत बन गई है हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू संतों का अपमान करना. कांग्रेस नेता यह भूल रही हैं कि परशुराम भगवान हैं और इस देश में भगवान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनके बयान वापस लेने (पोस्ट हटाने का जिक्र) से कुछ नहीं होगा. सही मायने में कांग्रेस को उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए. अगर कांग्रेस उन्हें पार्टी से नहीं निकालती है तो इसका मतलब है कि यह कांग्रेस का आधिकारिक बयान है और इससे यह साबित हो जाएगा कि कांग्रेस हिंदू विरोधी है.’’