भोपाल
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में जमानत की शर्त के रूप में फैजल खान उर्फ फैजान ने मंगलवार को पुलिस थाने में राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी और 21 बार 'भारत माता की जय' का नारा लगाया.
देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी खान को इस शर्त पर जमानत दी गई कि मामले की सुनवाई चलने तक वह महीने में दो बार पुलिस थाने जाएगा और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देगा तथा 'भारत माता की जय' का नारा लगाएगा.
मंगलवार सुबह वह भोपाल के मिसरोद थाने पहुंचा और कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी.
मीडिया से बात करते हुए खान ने कहा कि उसने गलती की है. उसने कहा, "मैंने गलती की है और मुझे इसका एहसास है. मैं एक भारतीय हूं और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करूंगा तथा भारत माता की जय का नारा लगाऊंगा."
खान ने कहा कि उसने एक वीडियो के लिए देश विरोधी नारे लगाए थे, लेकिन उस समय उसे यह एहसास नहीं था कि यह गलती उसे जेल ले जा सकती है. उन्होंने कहा, "अब मैं अपने सभी दोस्तों से अनुरोध करूंगा कि वे राष्ट्रविरोधी नारे न लगाएं और न ही राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करें. मैं अपने जीवन में कभी भी यह गलती दोबारा नहीं करूंगा." मिसरोद थाना प्रभारी ने कहा कि खान द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने और 'भारत माता की जय' का नारा लगाने का वीडियो रिकॉर्ड किया गया है, जिसे उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने भोपाल पुलिस आयुक्त को जमानत के लिए इस शर्त का अनुपालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. 15 अक्टूबर को न्यायमूर्ति दिनेश कुमाल पालीवाल की अदालत ने फैजान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था, "जब तक मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक आरोपी (फैजल खान) को महीने के प्रत्येक पहले और चौथे मंगलवार को भोपाल के मिसरोद थाने में आना होगा और थाने की इमारत में राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देनी होगी."
रायसेन जिले के निवासी फैजल खान को मई में मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल में कथित तौर पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. खान ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी और दावा किया था कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है. हालांकि, सुनवाई के दौरान उनके वकील ने स्वीकार किया कि उनके मुवक्किल को देश विरोधी नारे लगाते हुए देखा गया था. इसलिए, वकील ने अनुरोध किया कि उन्हें कुछ कठोर शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
जस्टिस पालीवाल ने दलील सुनने के बाद कहा कि निस्संदेह, आवेदक के खिलाफ 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वीडियो में वह उपरोक्त नारे लगाते हुए दिखाई दे रहा है. जस्टिस पालीवाल ने कहा था, "मेरा मानना है कि आवेदक को कुछ शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है, जिससे उसमें जिम्मेदारी की भावना और उस देश के प्रति गर्व की भावना पैदा हो, जिसमें वह पैदा हुआ है और रह रहा है."