मनी लॉन्ड्रिंग केसः हाईकोर्ट में जीशान हैदर और दाउद नासिर की जमानत याचिका खारिज

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-07-2024
Money laundering case: Bail plea of ​​Zeeshan Haider and Dawood Nasir rejected in High Court
Money laundering case: Bail plea of ​​Zeeshan Haider and Dawood Nasir rejected in High Court

 

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दो लोगों को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिसमें आप विधायक अमानतुल्लाह खान भी शामिल हैं. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने आरोपी जीशान हैदर और दाउद नासिर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जमानत देने पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त सामग्री है.

दोनों आरोपियों को नवंबर 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. 1 जुलाई को पारित आदेश में, न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि अमानतुल्लाह खान ने, जैसा कि आरोप लगाया गया है, ‘बेनामीदारों हैदर और नासिर के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदीं, उनके वास्तविक मूल्य को दबाकर और विक्रेता को नकद में भुगतान की गई राशि को सक्रिय रूप से छिपाकर.

अदालत ने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच के दौरान एकत्र किए गए भौतिक साक्ष्य से पता चलता है कि अमानतुल्लाह खान ने अपने करीबी सहयोगियों यानी वर्तमान आवेदकों/आरोपी और अन्य के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी और उसी के अनुसार, उसने अपने सहयोगियों यानी जीशान हैदर, दाउद नासिर और अन्य के माध्यम से अपनी अवैध कमाई यानी अपराध की आय को अचल संपत्तियों में निवेश किया था.’’

अदालत ने पाया कि संपत्ति की खरीद से संबंधित लेनदेन नकद और बैंकिंग चैनलों के माध्यम से लगभग 36 करोड़ रुपये के थे. अदालत ने निष्कर्ष निकाला, ‘‘इस स्तर पर इस अदालत के समक्ष लाई गई सामग्री पीएमएलए की धारा 45 के तहत दोनों आवेदकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त है. उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए, यह अदालत वर्तमान आवेदकों यानी जीशान हैदर और दाउद नासिर को नियमित जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं मानती है.’’

खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से उपजा है.

एजेंसी ने अपनी अभियोजन शिकायत (ईडी के आरोप पत्र के समकक्ष) में पांच लोगों का नाम लिया है, जिसमें खान के तीन कथित सहयोगी - जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी शामिल हैं.

ईडी, जिसने पहले विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी, ने दावा किया है कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के माध्यम से नकदी में “अपराध की बड़ी आय” अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए उनका निवेश किया.

ईडी ने कहा है कि यह छापेमारी कर्मचारियों की अवैध भर्ती और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देने के जरिए आरोपी द्वारा अर्जित नाजायज व्यक्तिगत लाभ से संबंधित मामले में की गई थी, जब 2018-2022 के दौरान खान इसके अध्यक्ष थे. ईडी ने कहा है कि छापेमारी के दौरान भौतिक और डिजिटल साक्ष्य के रूप में कई “अपराधी” सामग्री जब्त की गई, जो खान के मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल होने का संकेत देती है. मार्च में, सार्वजनिक व्यक्तियों द्वारा जांच एजेंसियों के समन की बार-बार चोरी को अस्वीकार करते हुए, उच्च न्यायालय ने मामले में आप विधायक को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था.

 

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