मोदी सरकार वक्फ अधिनियम में डंके की चोट पर संशोधन करेगी : अमित शाह

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 13-11-2024
Ghatkopar rally
Ghatkopar rally

 

मुंबई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन करेगी ‘चाहे कुछ भी हो (डंके की चोट पर)’ और उसके बाद कोई भी निजी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं कर पाएगा.

शाह ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इन बदलावों के खिलाफ है, लेकिन वक्फ बोर्ड से संबंधित कानून में संशोधन करने वाला विधेयक जल्द ही संसद में पारित हो जाएगा. मंगलवार को घाटकोपर में रैली में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासित कर्नाटक में पूरे गांवों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया है.

शाह ने कहा, ‘‘कर्नाटक के वक्फ बोर्ड ने किसानों, गांवों और पुराने मंदिरों की जमीनों को वक्फ संपत्ति में स्थानांतरित कर दिया है और कोई भी उन्हें रोक नहीं सकता. यहां ऐसा संभव नहीं होगा, क्योंकि मोदी जी ने वक्फ बोर्ड के कानून में बदलाव का प्रस्ताव रखा है. अघाड़ी बदलाव के खिलाफ है, लेकिन वक्फ बोर्ड से संबंधित कानून में संशोधन करने वाला विधेयक जल्द ही संसद में पारित हो जाएगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ कानून डंके की चोट पर बदलने वाली है और फिर किसी की जमीन या घर वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जाएगा. यह एक स्वतंत्र भारत है और किसी को भी ऐसा करने की अनुमति नहीं है.’’

वक्फ अधिनियम 1995, मूल रूप से वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन इसे कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के मुद्दों पर लंबे समय से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र लाने का प्रयास करता है. अमित शाह ने अपनी रैली में महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को उलेमाओं के एक बड़े समूह द्वारा सौंपी गई याचिका के बारे में बात की, जिसमें मुसलमानों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है.

शाह ने अपने भाषण में कहा, ‘‘अभी-अभी, उलेमाओं के एक बड़े समूह ने महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की और मुसलमानों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए एक याचिका सौंपी. इस देश में पहले से ही 50 प्रतिशत आरक्षण आवंटित है और अगर आप (कांग्रेस) मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं, तो किसी का आरक्षण कम करना होगा. हमारा संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है...राहुल बाबा और उनकी कंपनी जो कर सकती है, करें, लेकिन हम ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण अधिकारों की रक्षा करेंगे.’’

शाह ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले मैंने राज्य की जनता के सामने भाजपा का घोषणापत्र पेश किया था और उसी दिन खड़गे जी ने महा अघाड़ी का घोषणापत्र जनता के सामने पेश किया. इसके अलावा, खड़गे जी ने महाराष्ट्र कांग्रेस से कहा कि वे ऐसे वादे करें जिन्हें पूरा किया जा सके, न कि ऐसे वादे जिन्हें पूरा न किया जा सके.’’

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार तेज हो गया है और सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) दोनों ही मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. मतदान 20 नवंबर को होने हैं और मतगणना 23 नवंबर को होगी.