विधानसभा में एलएलए ने की हर हफ्ते दो बोतल मुफ्त शराब की मांग

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-03-2025
MLA demands two bottles of free liquor every week in the assembly
MLA demands two bottles of free liquor every week in the assembly

 

बेंगलुरु. बिहार और गुजरात जैसे कई राज्यों में शराबबंदी लागू है, जबकि अन्य राज्यों में शराब से होने वाला राजस्व सरकारी राजस्व का प्रमुख स्रोत है. महात्मा गांधी के अनुसार शराब पीना किसी भी सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है. लेकिन वर्तमान युग में शराब पीने का चलन इतना बढ़ गया है कि हर 100 में से लगभग 70 व्यक्ति शराब पीते हैं. यहां तक कि चुनाव के दौरान भी कई इलाकों में शराब बांटी जाती है.

अब इस संबंध में एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने मांग की है कि सरकार प्रत्येक शराब पीने वाले को प्रति सप्ताह दो बोतल मुफ्त शराब उपलब्ध कराए. आश्चर्य की बात यह है कि यह मांग विधानसभा में रखी गई है. यह अजीब मांग दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में उठाई गई है.

बुधवार को जनता दल (सेक्युलर) के वरिष्ठ विधायक एमटी कृष्णप्पा ने कर्नाटक विधानसभा में मांग की कि सिद्धारमैया सरकार को अपनी पांच गारंटी योजनाओं में दो बोतल शराब शामिल करनी चाहिए और पुरुषों को सप्ताह में दो बोतल शराब उपलब्ध करानी चाहिए.

जेडीएस विधायक एमटी कृष्णप्पा ने विधानसभा में कहा, माननीय अध्यक्ष जी, मुझे गलत मत समझिए, लेकिन जब आप लोगों को 2000 रुपये मुफ्त दे रहे हैं, जब आप मुफ्त बिजली दे रहे हैं - तो यह भी हमारा पैसा है, है ना? इसलिए सरकार को भी शराब पीने वालों को हर सप्ताह दो बोतल मुफ्त शराब उपलब्ध करानी चाहिए. यह हमारा पैसा है, इसलिए पुरुषों को हर सप्ताह दो बोतल शराब देने में क्या गलत है?

एमटी कृष्णप्पा ने कहा ‘ हर महीने पैसा देना संभव नहीं है, इसलिए सिर्फ दो बोतल शराब दे दीजिए. ये पैसा हमारा है, जो शक्ति योजना (मुफ्त बस यात्रा), मुफ्त बिजली और अन्य योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है, है ना? तो फिर पुरुषों को भी हर सप्ताह दो बोतलें देने में क्या समस्या है? इसके लिए सहकारी समिति के माध्यम से शराब उपलब्ध कराई जा सकती है. जॉर्ज को यह काम करने दो. कृपया समाज की ओर से यह जानकारी उपलब्ध कराएं.

जेडीएस विधायक की इस मांग पर कांग्रेस नेता केजे जॉर्ज ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, आप चुनाव जीतिए, सरकार बनाइए और फिर इस योजना को लागू कीजिए. इस पर एमटी कृष्णप्पा ने कहा - तो अब आपने गारंटी दे दी है, है ना? इस पर केजे जॉर्ज ने जवाब दिया - हम शराब की खपत को यथासंभव कम करने की कोशिश कर रहे हैं. वक्ता का उत्तर - यदि शराब मुफ्त में बांट दी जाए तो क्या होगा?

विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने विधायक की मांग पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, हम पहले से ही मुश्किल स्थिति में हैं, कल्पना कीजिए कि अगर हम हर हफ्ते दो बोतल शराब मुफ्त देना शुरू कर दें तो क्या होगा? इस पर एम.टी. कृष्णप्पा ने और भी विचित्र तर्क दिया - यदि आप इसे मुफ्त में दे देंगे, तो स्थिति अपने आप सुधर जाएगी. इस पर स्पीकर ने कहा, विधानसभा में 224 सदस्य हैं, उनमें से कितने शराब नहीं पीते हैं? बाबू, तुम तो पूरी बोतल पी जाते थे. यह मांग अपनी प्रकृति में अनोखी एवं विवादास्पद है.

एक ओर सरकार शराब पर प्रतिबंध लगाने और इसके हानिकारक प्रभावों को कम करने के प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर एक जनप्रतिनिधि सरकारी स्तर पर शराब के मुफ्त वितरण की मांग कर रहा है. यद्यपि इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन इसने भारत में बढ़ती शराब संस्कृति और सरकारी योजनाओं पर एक नई बहस छेड़ दी है.