नई दिल्ली. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका देते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दे दी है.
अदालत ने 2019 में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका स्वीकार कर ली और पुलिस को 18 मार्च तक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया.
अदालत में 2019 में दायर शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पार्टी के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पूर्व पार्षद नितिका शर्मा ने दिल्ली में जगह-जगह बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर जानबूझकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया. शिकायत में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा, "इस अदालत की यह राय है कि सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत आवेदन स्वीकार किए जाने योग्य है. तदनुसार, संबंधित एसएचओ को दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम, 2007 की धारा 3 के तहत तुरंत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है और मामले के तथ्यों से ऐसा प्रतीत होता है कि कोई अन्य अपराध किया गया है."
इससे पहले, 2022 में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने शिकायत को खारिज कर दिया था. हालांकि, एक सत्र अदालत ने इस फैसले को पलटते हुए मजिस्ट्रेट को याचिका पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था.
मामले के फिर से सुर्खियों में आने के बाद अदालत ने पुलिस को 18 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह फैसला अरविंद केजरीवाल के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी चुनौती है.
अदालत का यह आदेश विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी के सत्ता से बाहर होने के कुछ सप्ताह बाद आया है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल, पूर्व आप विधायक सिंह और द्वारका पार्षद शर्मा ने पूरे इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया है.
दिल्ली में 10 साल से ज्यादा समय तक आप की सरकार रही है. इस दौरान भाजपा ने बार-बार आम आदमी पार्टी पर प्रचार के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. पिछले साल जनवरी में सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने भी आप से राजनीतिक विज्ञापनों के लिए कथित तौर पर जनता के पैसे का दुरुपयोग करने के लिए ब्याज सहित 163.62 करोड़ रुपये वापस करने को कहा था.