श्रीनगर
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नासिक में हजरत सातपीर सैयद बाबा दरगाह को गिराने की कार्रवाई पर उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका देश की धर्मनिरपेक्ष और समावेशी भावना को कायम रखने वाली अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण संस्था है.
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, "नासिक दरगाह को गिराने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक एक अहम दखल है. यह तब आया जब बंबई हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए समय नहीं तय किया, जिससे प्रशासन को दरगाह के हिस्से को ढहाने का अवसर मिल गया और इलाके में तनाव फैल गया/"
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नासिक नगर निगम द्वारा दरगाह को गिराने के नोटिस पर अंतरिम रोक लगाई है और बंबई हाईकोर्ट से पूछा है कि अब तक दरगाह की याचिका को सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया.
मुफ्ती ने कहा कि ऐसी दरगाहें केवल इमारतें नहीं, बल्कि आध्यात्मिक स्थल हैं जो हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक हैं. उन्होंने कहा, "ये भारत की ‘विविधता में एकता’ की भावना को दर्शाते हैं, जिसे आज विभाजनकारी ताकतें चुनौती दे रही हैं."
उन्होंने यह भी कहा, "ऐसे समय में न्यायपालिका ही वह संस्था है जो भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता और बहुलवाद को बचा सकती है.. सुप्रीम कोर्ट की यह तत्पर कार्रवाई न्याय, उम्मीद और कानून के राज की मजबूती का संकेत देती है."