भारत-अमेरिका संबंधों पर एनएसए अजीत डोभाल और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की बैठक

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-03-2025
Meeting of NSA Ajit Doval and US National Intelligence Director Tulsi Gabbard on India-US relations
Meeting of NSA Ajit Doval and US National Intelligence Director Tulsi Gabbard on India-US relations

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

 भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने रविवार को नई दिल्ली में अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड से मुलाकात की. इस बैठक में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और सुरक्षा सहयोग पर विस्तृत चर्चा हुई.

भारत यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें

सूत्रों के अनुसार, तुलसी गबार्ड अपनी बहु-देशीय यात्रा के तहत भारत आई हैं. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों के कई प्रमुख पहलुओं पर बातचीत की, जिसमें रक्षा, खुफिया सहयोग, इंडो-पैसिफिक रणनीति और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे.

गबार्ड ने खुद को 'प्रशांत क्षेत्र की संतान' बताते हुए कहा कि उनकी इस यात्रा में जापान, थाईलैंड और भारत जैसे देशों का दौरा शामिल है. इसके अलावा, वह फ्रांस में भी कुछ समय बिताने वाली हैं.

गबार्ड की दूसरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा

ट्रंप प्रशासन में एक शीर्ष अधिकारी के रूप में तुलसी गबार्ड की यह दूसरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद, वह जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने गई थीं.

रायसीना डायलॉग में शामिल होंगी गबार्ड

गबार्ड की भारत यात्रा का अंतिम चरण 18 मार्च को नई दिल्ली में होने वाले बहुपक्षीय सुरक्षा सम्मेलन रायसीना डायलॉग में होगा. इस सम्मेलन में वह मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगी. वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण साझा करेंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष निमंत्रण पर तुलसी गबार्ड इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में भाग लेंगी. इस दौरान वह भारतीय अधिकारियों और अन्य देशों के सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगी.

रायसीना डायलॉग: भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक सम्मेलन

रायसीना डायलॉग भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-अर्थशास्त्रीय सम्मेलन है, जो हर साल नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है. इसका आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा भारत के विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है. यह सम्मेलन वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं और रणनीतिक विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे समकालीन अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं.

इस वर्ष रायसीना डायलॉग 17-19 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसमें दुनियाभर के कई प्रभावशाली नेता, राजनयिक, सुरक्षा विशेषज्ञ और व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। गबार्ड इस सम्मेलन में ORF के अध्यक्ष समीर सरन के साथ एक मुख्य बातचीत में भाग लेंगी.

भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती पर जोर

भारत और अमेरिका दोनों देशों के लिए यह बैठक और गबार्ड की यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों देशों के बीच खुफिया और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

ओआरएफ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि रायसीना डायलॉग विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय विषयों पर बहु-हितधारक, अंतर-क्षेत्रीय चर्चा को बढ़ावा देता है. इसमें राष्ट्राध्यक्षों, कैबिनेट मंत्रियों, स्थानीय सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र, मीडिया और शिक्षा जगत के विचारक भी शामिल होते हैं.

भारत-अमेरिका के रणनीतिक हित और इंडो-पैसिफिक नीति

भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को लेकर विशेष रूप से चर्चा हुई. चीन की बढ़ती गतिविधियों और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच सुरक्षा और खुफिया साझेदारी को और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया.

तुलसी गबार्ड की यह भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी बल्कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग के नए आयाम भी खोलेगी. रायसीना डायलॉग में उनकी भागीदारी से भारत-अमेरिका संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा. दोनों देश वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे.