मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी का भारत से अनुरोध: गाजा और यूक्रेन में संघर्ष के समाधान के लिए मध्यस्थ बने

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 19-07-2024
Maulana Mohibullah Nadvi
Maulana Mohibullah Nadvi

 

नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने भारत को गाजा और यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भारत को मानवता के सबसे बड़े उदाहरण के रूप में आगे आकर इन संघर्षों का समाधान ढूंढना चाहिए.

जामा मस्जिद के इमाम मौलाना नदवी ने अफसोस जताया कि गाजा में फिलिस्तीनियों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति दुनिया ने आंखें मूंद ली हैं. गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए भारत के हस्तक्षेप की वकालत करते हुए उन्होंने कहा, "जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने कहा था कि हम उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होंगे, उसी तरह हमें भी गाजा और यूक्रेन में संघर्षों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए."

नदवी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, "हमने दक्षिण अफ्रीका में उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा होने का उदाहरण पेश किया था. गांधी जी ने कहा था कि जैसे भारत में जन्मे हर भारतीय का भारत पर अधिकार है, वैसे ही फिलिस्तीन में जन्मे हर अरब का फिलिस्तीन पर अधिकार है."

उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों को एक रणनीति के तहत बेघर कर दिया गया है और इस पर न बोलने की परंपरा शुरू हो गई है, जो मानवता के लिए हानिकारक है. नदवी ने जोर देते हुए कहा, "भारत को न केवल गाजा में युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता करनी चाहिए, बल्कि यूक्रेन में भी हस्तक्षेप करके युद्ध समाप्त करना चाहिए. भारत मानवीय दृष्टिकोण का सबसे बड़ा उदाहरण है."

इजराइल-हमास संघर्ष के कारण जारी मानवीय संकट को "बेहद चिंताजनक" बताते हुए भारत ने तनाव कम करने का आह्वान किया है, जिसमें बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया गया है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में गाजा पट्टी में तत्काल, पूर्ण और संपूर्ण युद्धविराम, सुरक्षित और निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता की बात दोहराई है.

भारत का मानना रहा है कि दो-राज्य समाधान का समर्थन किया जाना चाहिए, जिसमें एक मान्यता प्राप्त और परस्पर सहमत सीमाओं के भीतर फिलिस्तीन का एक संप्रभु और स्वतंत्र राज्य शामिल हो, जो इजरायल के साथ शांति से रह सके.

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के हमले से शुरू हुए युद्ध में 38,600 से अधिक लोग मारे गए हैं. इस युद्ध ने गाजा में मानवीय तबाही मचा दी है, जहां की 2.3 मिलियन आबादी में से अधिकांश विस्थापित हो चुकी है और व्यापक भूखमरी फैल गई है.

वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध के लगभग 30 महीनों में दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें कई नागरिक भी शामिल हैं.

 

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