बेंगलुरु. मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी को आज शाम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का दो दिवसीय 29वां सत्र में फिर से अध्यक्ष चुना गया. यह सत्र आज कर्नाटक के सबसे बड़े धार्मिक मदरसे दारुल उलूम सबील-उर-रशाद अरबी कॉलेज के परिसर में शुरू हुआ.
मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के फिर से चुने जाने के साथ ही एआईएमपीएलबी की 40 सदस्यीय कार्यकारी समिति भी चुनी गई. अब मौलाना कार्यकारी सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करके अपने पदाधिकारियों की टीम चुनेंगे. मौलाना रहमानी, मौलाना मुजाहिद उल इस्लाम कासमी के करीबी रिश्तेदार हैं, जो एआईएमपीएलबी के तीसरे अध्यक्ष थे.
वे एक लेखक और न्यायविद हैं. उन्होंने इस्लामिक न्यायशास्त्ररू परिचय और संहिताकरण और किताब-उल-फतवा जैसी किताबें लिखी हैं. हालांकि वे देवबंदी स्कूल से हैं, लेकिन इस्लामी शिक्षा के विभिन्न विषयों के बारे में उनके विशाल ज्ञान के कारण उन्हें अन्य स्कूलों के लोग भी सम्मान देते हैं. वे इस्लामिक फिकह अकादमी ऑफ इंडिया के महासचिव भी हैं.
उनका जन्म नवंबर 1956 में हुआ था. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त की और दो साल तक मदरसा कासिमुल उलूम हुसैनिया में अध्ययन किया. उन्होंने मुंगेर में जामिया रहमानी से स्नातक किया और फिर दारुल उलूम देवबंद में “दावरा-ए-हदीस” का अध्ययन किया और वहीं से स्नातक किया. बाद में उन्होंने पटना के अमरात-ए-शरिया में इस्लामी कानून और न्यायशास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की.