इंफाल
मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों और भीड़ के बीच झड़प के दौरान एक प्रदर्शनकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
इंफाल में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार रात गोलीबारी में के. अथौबा (21) नामक युवक की मौत हो गई. गोली किसने चलाई, इसकी जांच की जा रही है.
हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि मणिपुर पुलिस के विशेष कमांडो ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई और गोलीबारी में युवक की मौत हो गई तथा दो अन्य घायल हो गए.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने रविवार रात विभिन्न नेताओं के घरों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर हमला किया और तोड़फोड़ की.
अधिकारी ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने पहले बाबूपारा में संपत्ति में तोड़फोड़ की और फिर जिरीबाम थाने के अंतर्गत अन्य इलाकों में भी हमले और आगजनी जारी रखी. वे 11 नवंबर को उग्रवादियों द्वारा अगवा की गई तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या का विरोध कर रहे थे.
कांग्रेस, भाजपा, शिवसेना के कार्यालयों और जिरीबाम के निर्दलीय विधायक के घरों में पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने तोड़फोड़ की.
जिरीबाम जिले को छोड़कर मणिपुर के किसी अन्य जिले से रविवार रात से कोई बड़ी घटना की खबर नहीं आई है.
मणिपुर सरकार ने कर्फ्यू वाले पांच जिलों - इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग में दो दिनों - सोमवार और मंगलवार - के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है.
संयुक्त सचिव (उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग) दरयाल जूली अनल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कई जिलों में जिलाधिकारियों द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के मद्देनजर और छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इन जिलों में जहां कर्फ्यू लगाया गया है, वहां राज्य विश्वविद्यालयों सहित सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान दो दिनों के लिए बंद रहेंगे - 18 और 19 नवंबर.
जब व्यापक हमले और विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, तो अधिकारियों ने इम्फाल घाटी के इम्फाल पूर्व, पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में "कानून व्यवस्था की स्थिति विकसित होने के कारण" अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया.
मुख्य सचिव विनीत जोशी ने 16 नवंबर को सात जिलों - इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में शनिवार शाम से दो दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया.
शनिवार और रविवार को गुस्साई भीड़ द्वारा की गई व्यापक हिंसा और हमलों में, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के दो दर्जन से अधिक घरों और राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर भीड़ द्वारा हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई.
इसके बाद 15 और 16 नवंबर को जिरीबाम में छह शव बरामद किए गए.
छह शव, जिनकी पहचान अभी तक परिवार के सदस्यों द्वारा नहीं की गई है, माना जाता है कि वे जिरीबाम जिले में 11 नवंबर से लापता तीन महिलाओं और तीन बच्चों के हैं.
मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास 15 और 16 नवंबर को मिले शवों को पोस्टमार्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया.
मणिपुर पुलिस ने पहले कहा था कि 11 नवंबर को सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए, जबकि एक अन्य घटना में उग्रवादियों ने 10 लोगों का अपहरण कर लिया, जो सभी मैतेई समुदाय के थे और जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा उप-मंडल के जकुरधोर में एक राहत शिविर के निवासी थे.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जकुरधोर गांव में घटना के बाद तलाशी अभियान के दौरान दो बुजुर्ग नागरिकों - 75 वर्षीय मैबाम केशो सिंह और 61 वर्षीय लैशराम बरेल - के शव मिले.
उन्होंने कहा कि एक अन्य व्यक्ति जीवित पाया गया और उसे बचा लिया गया तथा एक अन्य नागरिक अपने आप पुलिस स्टेशन वापस आ गया, जबकि छह लोग - तीन बच्चे और तीन महिलाएं - लापता हैं.
मैतेई संगठनों ने दावा किया कि कुकी उग्रवादियों ने तीन बच्चों और तीन महिलाओं का अपहरण किया और फिर उन्हें कैद में बेरहमी से मार डाला.