लखनऊ / बरेली. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने ईद मिलाद-उल-नबी पर शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की है. वहीं, बरेली में मिलाद-उल-नबी के जुलूस को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसे प्रशासन ने सुलझा लिया है. इस्लाम के पैगंबर हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का जन्म दिवस 12रबीउल अव्वल को मनाया जाता है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में मुसलमान देश भर में जुलूस निकालते हैं, नात पढ़ते हैं, कुछ लोग इस अवसर पर लोगों को पानी, शरबत या चाय पिलाते हैं.
उत्तर प्रदेश में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से 12रबी अव्वल पर भीड़ को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी में कहा गया है कि पूरे देश को जलसों और जुलूसों के मामले में इस्लाम के पैगंबर के रास्ते पर चलना चाहिए. गौरतलब कि मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली जो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य भी हैं, इस केंद्र से संबंधित हैं.
एडवाइजरी में कहा गया है कि 12रबीदल अव्वल 28सितंबर को देशभर में मनाया जाएगा. 27सितंबर की रात को मिलाद-उल-नबी को लेकर देश भर में अन्य जगहों पर भी जलसे होंगे. मिलाद-उल-नबी को लेकर लखनऊ में इस्लामिया कॉलेज, अमीर-उद-दौला पार्क, मदीना मस्जिद समेत कई जगहों पर सभाएं होंगी. एडवाइजरी में मुसलमानों से निर्देश का ध्यान रखने का अनुरोध किया गया है.
एडवाइजरी में कहा गया है कि जुलूस के दौरान मुस्लिम ऐसे नारे न लगाएं, जिससे किसी को ठेस पहुंचे या गैर-मुस्लिमों को परेशानी हो. हम आपको बता दें कि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि पैगंबर मुहम्मद का जन्म 570ईस्वी में हुआ था. वह दुनिया में खुशियाँ लेकर आये. हालाँकि, एक वर्ग ऐसा भी है, जो पैगंबर मुहम्मद (उन पर शांति हो) को मानता है, लेकिन उनका जन्मदिन नहीं मनाता है.
उधर, बरेली से खबर है कि ईद मिलाद-उल-नबी पर जोगी नवादा से निकलने वाले जुलूस का रूट नहीं बदला जाएगा. मंगलवार सुबह स्थानीय लोगों ने इस रास्ते से जुलूस निकालने का विरोध किया था, लेकिन शाम को दोनों पक्ष पारंपरिक रास्ते से जुलूस निकालने पर लिखित रूप से सहमत हो गये. पुलिस के मुताबिक, यह जुलूस का पारंपरिक मार्ग है. इसलिए जुलूस वहीं से निकाला जाएगा, लेकिन डीजे बजाने की इजाजत नहीं दी गई.
निगरानी के लिए इलाके में एक कंपनी आरएएफ, एक कंपनी पीएसी और स्थानीय थाने की पुलिस तैनात की गई है. जोगी नवादा में सावन माह में मुस्लिम महिलाओं ने शाह नूरी मस्जिद के पास कांवड़ यात्रा का विरोध किया. चूंकि कांवड़ यात्रा पारंपरिक मार्ग नहीं है. इसलिए प्रशासन ने इसे निकालने की इजाजत नहीं दी. अब बुधवार को ईद मिलाद-उल-नबी के मौके पर उसी रास्ते से जुलूस निकाला जाना है.
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