प्रयागराज
महाकुंभ 2025 का आयोजन अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है और इस ऐतिहासिक मेले में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में बड़ा प्रयास किया गया. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान 15,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों ने एक साथ सफाई अभियान चलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) में नाम दर्ज कराने का प्रयास किया. इस रिकॉर्ड प्रयास के अंतिम परिणाम 27 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के निर्णायक ऋषि नाथ ने सफाई अभियान के मूल्यांकन के लिए बहुस्तरीय प्रक्रिया को अपनाया. उन्होंने बताया कि इस प्रयास को प्रमाणित करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया गया, जिसमें शामिल हैं:
क्यूआर-कोडेड रिस्टबैंड: सभी प्रतिभागियों को एक यूनिक क्यूआर कोड वाला रिस्टबैंड प्रदान किया गया.। जैसे ही वे सफाई अभियान में शामिल हुए, उनके रिस्टबैंड को स्कैन किया गया और यह डेटा एक केंद्रीय डेटाबेस में सुरक्षित किया गया.
स्टीवर्ड मॉनिटरिंग: प्रत्येक 50 प्रतिभागियों के लिए एक स्टीवर्ड नियुक्त किया गया, जो यह सुनिश्चित करता रहा कि सभी प्रतिभागी रिकॉर्ड के नियमों का पालन कर रहे हैं.
ऑडिटिंग टीम: पाँच अलग-अलग स्थानों पर तैनात ऑडिटिंग टीम ने स्टीवर्ड की रिपोर्ट, क्यूआर कोड स्कैनिंग और प्रतिभागियों की गिनती की समीक्षा की.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा 27 फरवरी को की जाएगी. यदि यह प्रयास सफल होता है, तो महाकुंभ 2025 का यह सफाई अभियान एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी दी कि इस वर्ष महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. 23 फरवरी तक 620 मिलियन (62 करोड़) से अधिक भक्त पवित्र संगम में स्नान कर चुके थे. अकेले सोमवार को दोपहर 2 बजे तक 9 मिलियन (90 लाख) से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया.
सीएम योगी ने कहा, "महाकुंभ हमारी सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिकता का प्रतीक है. यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जहां करोड़ों श्रद्धालु एक साथ स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं. हर भारतीय को इस आयोजन पर गर्व होना चाहिए."
महाकुंभ 2025 अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। अंतिम प्रमुख स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर होगा. यह दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, और इस मौके पर संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है. प्रशासन ने इस दिन के लिए विशेष सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की तैयारियां पूरी कर ली हैं.
महाकुंभ 2025 अब तक का सबसे भव्य और संगठित आयोजन साबित हो रहा है। इस वर्ष:
लाखों श्रद्धालु विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले चुके हैं.
देश-विदेश से संत, महंत, योगी और आध्यात्मिक गुरु इस आयोजन में शिरकत कर रहे हैं.
सफाई और पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से विशेष पहल की गई है.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में सफाई अभियान का दर्ज होना इस भव्य आयोजन को और भी खास बना देगा. 27 फरवरी को इस ऐतिहासिक प्रयास का परिणाम घोषित किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि महाकुंभ 2025 ने स्वच्छता के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है या नहीं.
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से भी एक महत्वपूर्ण आयोजन बन गया है. सफाई कर्मचारियों द्वारा विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास महज एक उपलब्धि नहीं, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का प्रतीक है. 27 फरवरी को इस प्रयास का परिणाम सामने आएगा और पूरी दुनिया की नजरें इस ऐतिहासिक घोषणा पर टिकी रहेंगी.