मद्रास उच्च न्यायालय ने रजिस्ट्री को स्वत, संज्ञान लेकर पोनमुडी के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-04-2025
Madras High Court asks registry to take suo motu cognizance and file case against Ponmudi
Madras High Court asks registry to take suo motu cognizance and file case against Ponmudi

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के वरिष्ठ नेता के. पोनमुडी द्वारा हाल में की गई विवादित टिप्पणी के मामले में बुधवार को अदालत की रजिस्ट्री से स्वत: संज्ञान लेकर रिट याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया.
 
राज्य के वन मंत्री पोनमुडी ने एक यौनकर्मी के संदर्भ में शैव और वैष्णव धर्म पर टिप्पणी की थी. न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने मामले की सुनवाई के बाद निर्देश पारित करते हुए कहा, ‘‘रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह स्वत: संज्ञान लेकर एक रिट याचिका पंजीकृत करे और मामले को आदेश के लिए मुख्य न्यायाधीश के पास भेजे.’
 
आय से अधिक संपत्ति मामले में स्वत: संज्ञान से पोनमुडी के खिलाफ शुरू की गई याचिका 17 अप्रैल को जैसे ही सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष आई, न्यायाधीश ने मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों पर अपनी चिंता व्यक्त की.
 
न्यायाधीश ने नफरती भाषण पर उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए पुलिस को चेतावनी भी दी थी कि यदि वह सार्वजनिक कार्यक्रम में पोनमुडी की विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती, तो वह उसके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करेंगे. न्यायाधीश ने महाधिवक्ता पीएस रमण को निर्देश दिया कि वे पता लगाएं कि क्या मंत्री के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है और 23 अप्रैल को अदालत को इसकी जानकारी दें.
 
अदालत में बुधवार को जब मामले की सुनवाई हुई तो वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन और अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि शिकायत की जांच की गई और पाया गया कि कोई अपराध नहीं हुआ है. इस जानकारी के बाद अदालत ने स्वत: संज्ञान से रिट याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया.  न्यायाधीश ने कहा कि अश्लील होने के अलावा, भाषण ने शैव और वैष्णवों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. प्रथम दृष्टया, मंत्री का घृणास्पद भाषण बीएनएसएस के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध की श्रेणी में आता है.