लखनऊ ईदगाह के इमाम ने लोगों से सड़कों पर नमाज न पढ़ने की अपील की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 30-03-2025
Maulana Khalid Rashid Firangi Mahali
Maulana Khalid Rashid Firangi Mahali

 

लखनऊ. लखनऊ ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ईद-उल-फितर के अवसर पर ईदगाहों और मस्जिदों में ही नमाज पढ़ने की अपील की, सड़कों पर नहीं.

इमाम ने लोगों से देश की सुरक्षा और स्थायी शांति तथा फिलिस्तीन में शांति की स्थापना के लिए भी प्रार्थना करने का आग्रह किया.

एएनआई से बात करते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, ‘‘ईद-उल-फितर का चांद 30 मार्च को देखा जाएगा और अगर चांद दिखाई देता है, तो ईद 31 मार्च को मनाई जाएगी. इस संबंध में, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें हमने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे जल्द से जल्द ईदगाहों और मस्जिदों में पहुँचें और सड़कों पर नमाज न पढ़ें और ईदगाह के अंदर ही नमाज अदा करें. नमाज के बाद, हमारे देश की सुरक्षा और स्थायी शांति और फिलिस्तीन देश में शांति की स्थापना के लिए प्रार्थना करें.’’

इससे पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आगामी ईद और रामनवमी त्योहारों के संबंध में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की गई और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए.

डीजीपी ने कहा कि ईद-उल-फितर और रामनवमी के त्योहारों के अवसर पर जिले को सेक्टर और जोन में विभाजित किया जाना चाहिए, जिसमें प्रत्येक सेक्टर और जोन में मजिस्ट्रेट और समकक्ष पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए. अत्यधिक संवेदनशील स्थानों पर पुलिस पिकेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट और राजपत्रित अधिकारियों के साथ पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाना चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक उपकरणों के साथ छतों पर ड्यूटी लगाई जानी चाहिए और कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार स्थानीय भाषा के हैंडसेट उपलब्ध कराए जाने चाहिए. उचित पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी हॉट स्पॉट की पहचान की जानी चाहिए. बाजारों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पैदल गश्त की जानी चाहिए. बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और खोजी कुत्तों द्वारा नियमित रूप से तोड़फोड़ विरोधी जांच की जानी चाहिए. विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाजारों में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.

विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया है कि ईद-उल-फितर की नमाज के दौरान ईदगाहों और मस्जिदों के पास सड़कों पर किसी भी जानवर को घूमने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. संवेदनशील मार्गों/स्थानों पर यूपी-112 वाहन तैनात किए जाएं तथा अन्य पुलिस गश्ती वाहन राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में चिन्हित हॉटस्पॉट/संवेदनशील क्षेत्रों में प्रभावी गश्त/चेकिंग करें. मिश्रित एवं संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाए. जुलूस मार्गों, विशेषकर जंक्शन बिंदुओं पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए तथा जहां आवश्यक हो वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.

डीजीपी ने निर्देश दिए कि उपद्रवियों एवं असामाजिक तत्वों की पहचान कर उन पर निरंतर निगरानी रखी जाए तथा आवश्यकतानुसार उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की जाए. पोस्टर पार्टियों एवं मॉर्निंग चेकिंग टीमों को सक्रिय किया जाए तथा उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के बारे में समुचित जानकारी दी जाए. पोस्टर पार्टियों को नियमित रूप से सुबह के समय तैनात किया जाए. विज्ञप्ति में इस बात पर जोर दिया गया कि छोटी से छोटी सूचना को भी अत्यंत गंभीरता से लिया जाए तथा तत्परता से उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. जिला खुफिया तंत्र को सक्रिय रखा जाए. जिले के सभी कार्मिकों को इसकी जानकारी दी जाए तथा सभी राजपत्रित अधिकारियों, थानाध्चौकी स्टाफ एवं बीट स्तर के कार्मिकों को सतर्क एवं सक्रिय बनाया जाए.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार 24Û7 निगरानी रखी जाए और कड़ी निगरानी रखी जाए. झूठी और भ्रामक सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जाए और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई की जाए. चैत्र नवरात्रि को देखते हुए अयोध्या, मिर्जापुर, बलरामपुर, वाराणसी आदि महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर उच्च स्तरीय व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. मुख्य द्वारों पर प्रवेश नियंत्रण और तोड़फोड़ विरोधी जांच की व्यवस्था की जाए. विज्ञप्ति के अनुसार, रामनवमी के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बाजार, भीड़भाड़ वाले स्थान, कार्यक्रम स्थल, मनोरंजन केंद्र आदि पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए. इससे संबंधित सभी अभ्यास पहले से ही कर लिए जाएं.