मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणामों ने सभी राजनीतिक समीक्षकों और आम जनता के बीच एक बड़ा आश्चर्य उत्पन्न किया है.2025 में हुए इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में प्रचंड जीत हासिल की है और आम आदमी पार्टी (AAP) को बुरी तरह शिकस्त दी.खास बात यह रही कि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया तक चुनाव हार गए, जो पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ.
अधिकांशचुनाव परिणामों के आने के साथ ही साफ हो गया कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बन रही है.भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया है.पिछले कुछ सालों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपनी मजबूत स्थिति बनाई थी, लेकिन इस बार दिल्ली की जनता ने भाजपा के पक्ष में अपना जनादेश दिया.
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 8, 2025
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं, जिनमें बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत थी, और भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की.वहीं, आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा.
दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर
चुनाव के शुरुआती रुझानों के बाद यह साफ हो गया था कि भाजपा की बढ़त है.दोपहर होते-होते यह स्थिति और स्पष्ट हो गई कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का अस्तित्व खत्म होने वाला है.भाजपा ने 48 सीटों पर बढ़त बना ली थी, जबकि आप के पास सिर्फ 22 सीटें थीं.
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की स्थिति और भी ज्यादा खराब रही.कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली, जो कि उसके लिए एक बड़ा झटका था.वहीं, ओवैसी की पार्टी भी दिल्ली के मुसलमानों में अपनी पकड़ बनाने में नाकाम रही, और जिन क्षेत्रों में उनकी पार्टी को समर्थन की उम्मीद थी, वहां से भी भाजपा ने जीत दर्ज की.
प्रमुख नेता हुए परास्त
चुनाव के परिणामों ने एक बड़ा संदेश दिया है कि दिल्ली में अब भाजपा की राजनीति का बोलबाला है.अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और अवध ओझा जैसे प्रमुख नेता भी इस चुनाव में हार गए.हालांकि, कालकाजी सीट पर आतिशी ने शानदार जीत हासिल की, बावजूद इसके दिल्ली की राजनीति में भाजपा का दबदबा बढ़ा.
अरविंद केजरीवाल, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके थे, इस बार नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा से 3182 वोटों के अंतर से हार गए.वहीं, मनीष सिसोदिया ने जंगपुरा सीट से चुनाव हारते हुए अपने प्रभाव को खो दिया.
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जताई और इसे विकास और सुशासन की जीत बताया.उन्होंने लिखा, "जनशक्ति सर्वोपरि! विकास जीता, सुशासन जीता.
दिल्ली के अपने सभी भाई-बहनों को बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए मेरा वंदन और अभिनंदन!" पीएम मोदी ने आगे कहा, "दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.यह हमारी गारंटी है."
अरविंद केजरीवाल की हार स्वीकार
दिल्ली चुनाव के परिणामों के बाद अरविंद केजरीवाल ने हार स्वीकार करते हुए भाजपा को बधाई दी.उन्होंने कहा, "हम जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करते हैं.भाजपा को इस जीत के लिए बधाई.मुझे उम्मीद है कि वे उन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे, जिनके साथ लोगों ने उन्हें बहुमत दिया है."
भाजपा के कार्यकर्ताओं का जश्न
दिल्ली भाजपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बनता था.जहां भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की, वहीं 32 सीटों पर उसकी बढ़त बनी हुई थी.भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस शानदार जीत का जश्न मनाया और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.
स्वाति मालीवाल और कुमार विश्वास की प्रतिक्रिया
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने टिप्पणी करते हुए कहा, "घमंड किसी का ज्यादा देर तक नहीं टिकता.रावण का भी घमंड चूर-चूर हो गया था, यह तो अरविंद केजरीवाल हैं.आज दिल्ली पूरी तरह कूड़ादान बन गई है, सड़कें टूटी पड़ी हैं, लोगों को पानी नहीं मिल रहा.वायु प्रदूषण चरम पर है, यमुना साफ नहीं हुई। लोगों ने इन मुद्दों से त्रस्त होकर ये जनादेश दिया है."
कुमार विश्वास, जो एक समय आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता थे, ने भी दिल्ली में पार्टी की हार पर प्रतिक्रिया दी.उन्होंने कहा, "जंगपुरा में मनीष सिसोदिया की हार की खबर टीवी पर देखते ही मेरी पत्नी रोने लगी.यह पूरी पार्टी की हार है."
भविष्य की राजनीति
दिल्ली में भाजपा की इस शानदार जीत ने न केवल दिल्ली की राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि पंजाब और अन्य राज्यों में भी इसके प्रभाव के संकेत मिल रहे हैं.भाजपा के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चहुंमुखी विकास को स्वीकार किया है और भाजपा के विजय के बाद अब दिल्ली में विकास के नए अध्याय की शुरुआत होगी.
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस हार के बाद अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंचे हैं, जो इस बात का संकेत है कि दिल्ली की हार का असर अब पंजाब में भी देखने को मिल सकता है.
दिल्ली में भाजपा की शानदार जीत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब विकास और सुशासन की बात होती है, तो दिल्ली की जनता भाजपा के साथ खड़ी रहती है.वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए यह हार एक कड़ा सबक है, जिसे वे अगले चुनावों में अपनी रणनीति में सुधार कर सकते हैं.अब सभी की नजरें इस पर हैं कि दिल्ली में भाजपा अपने वादों को किस तरह पूरा करती है और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरती है.