बेंगलुरु. कर्नाटक में विपक्ष के नेता (एलओपी) आर. अशोक ने शुक्रवार को कहा कि भगवान श्री राम झूठे मामलों में कार सेवकों को गिरफ्तार करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कभी माफ नहीं करेंगे. “सिद्धारमैया, आपने स्पष्ट रूप से झूठ बोला कि श्रीकांत पुजारी के खिलाफ 16 मामले हैं. श्री राम तुम्हें कभी माफ नहीं करेंगे. पुजारी के खिलाफ 16 मामलों में से 15 खत्म हो चुका.''
उन्होंने कहा कि बाकी मामला 1992 में उनके लापता होने का है. उन्होंने कहा,“केवल दो संभावनाएं हैं. या तो सिद्धारमैया ने अपने प्रशासन पर नियंत्रण खो दिया है, जबकि अदृश्य हाथ उन्हें गुमराह कर रहे हैं या उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान हिंदू कार्यकर्ताओं को उकसाने के लिए जानबूझकर मामले को फिर से खोल दिया है.”
उन्होंने कहा कि अगर दोनों में से कोई भी दावा सही है तो मुख्यमंत्री ने राज्य का मुखिया बने रहने की नैतिकता खो दी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया,“अपनी गलतियों को स्वीकार करें, पुजारी को रिहा करें, लोगों से माफी मांगें और अपना इस्तीफा सौंपें. राज्य की कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, एक कुशल मुख्यमंत्री के लिए रास्ता बनाएं.”
सिद्धारमैया ने इससे पहले श्रीकांत पुजारी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि पुजारी - जिसने खुद को राम के भक्त और कार सेवक के रूप में प्रदर्शित किया था, वास्तव में कानून की नजर में एक सामाजिक दुराचारी है.
मुख्यमंत्री ने कहा था,“पुजारी वह व्यक्ति है जो अपनी आपराधिक गतिविधियों को बचाने के लिए धर्म को ढाल के रूप में उपयोग करता है. अगर ऐसे लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया और उन्हें स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं दी गई, तो भगवान राम भी हमें माफ नहीं कर सकते.”
सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा नेता, जो अवैध शराब की बिक्री, जुआ और मटका सहित 16 असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे एक व्यक्ति के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं - को खुले तौर पर या सार्वजनिक रूप से उसके सभी आपराधिक कार्यों के लिए अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा करनी चाहिए या सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और अपना विरोध वापस लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में, हुबली-धारवाड़ आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र के भीतर, मारिजुआना बिक्री, चोरी, जबरन वसूली, धोखाधड़ी और जुआ सहित अपराधों के संबंध में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा था,“पुजारी इस सूची में 32वें व्यक्ति हैं. क्या उन्हें सिर्फ इसलिए रिहा कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह कार सेवक हैं या उन्हें संदिग्ध होने के कारण गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए? भाजपा का विरोध हमारी सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि देश के कानून और संविधान के खिलाफ है.”
उन्होंने कहा कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोग धर्म के रक्षक होने का दावा करते हैं और हत्या और जबरन वसूली में शामिल होते हैं. मुख्यमंत्री ने पूछा, “क्या बीजेपी नेता भी उनका समर्थन करेंगे?” उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान पुजारी की गिरफ्तारी महज एक संयोग है.
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