नई दिल्ली
– जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी के जवाब में भारतीय सेना ने प्रभावी और त्वरित कार्रवाई की. रक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी,"नियंत्रण रेखा के कुछ खास सेक्टरों में पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों से फायरिंग की. हमारी सेना ने तत्परता दिखाते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया."
इस घटना को हाल के आतंकवादी हमलों और कूटनीतिक तनाव के परिप्रेक्ष्य में एक नई उकसावे की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी. इस हमले ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में तीव्र तनाव भी पैदा कर दिया..
हमले के बाद भारत सरकार ने कई निर्णायक कूटनीतिक कदम उठाए, जिनमें शामिल हैं:
अटारी बॉर्डर पर एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद करना
SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) को निलंबित करना
पाकिस्तानी नागरिकों को 40 घंटे में भारत छोड़ने का निर्देश देना
दोनों देशों के उच्चायोगों से रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाना
सिंधु जल संधि पर रोक लगाना, जो 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित हुई थी.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा:"नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए सिर्फ सात दिन हैं. वहीं, भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सभी रक्षा संबंधी अधिकारियों को वापस बुलाएगा."
उन्होंने बताया कि इन पदों को अब उच्चायोगों में 'निरस्त' माना जाएगा और संबंधित सहायक स्टाफ को भी वापिस बुलाया जा रहा है..
पहलगाम हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन, पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग, और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की मांगें तेजी से उठ रही हैं. एलओसी पर हुई गोलीबारी ने इस आक्रोश को और तीव्र कर दिया है.