आवाज द वाॅयस/ श्रीनगर / नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर अल्ताफ लाली को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया. यह कार्रवाई हाल ही में पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.
खुफिया इनपुट पर शुरू हुआ ऑपरेशन
शुक्रवार सुबह सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बांदीपुरा में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया. तलाशी के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें अल्ताफ लाली मारा गया.
शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकी घायल हो गया, जबकि दो पुलिसकर्मी—जो एक वरिष्ठ अधिकारी की सुरक्षा टीम का हिस्सा थे—भी घायल हो गए.
सेना प्रमुख ने की स्थिति की समीक्षा
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी श्रीनगर पहुंचे, जहां उन्हें ऑपरेशन की जानकारी दी गई. उन्होंने सुरक्षा हालात की समीक्षा की और पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकियों को पकड़ने के लिए चल रहे अभियान की प्रगति का आकलन किया.
आतंकियों के घरों पर भी कार्रवाई
सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को हमले में शामिल माने जा रहे दो आतंकियों के घरों को भी नष्ट कर दिया. बिजबेहरा में एलईटी आतंकी आदिल हुसैन थोकर के घर को आईईडी से उड़ाया गया, जबकि त्राल में आतंकी आसिफ शेख का घर बुलडोजर से गिरा दिया गया.
हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका
जानकारी के अनुसार, आदिल थोकर ने दो पाकिस्तानी आतंकियों—अली भाई और हाशिम मूसा—को बैसरन घाटी में हमले की योजना और क्रियान्वयन में मदद की थी. अनंतनाग पुलिस ने इन दोनों और आदिल थोकर के बारे में जानकारी देने वाले को ₹20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. तीनों के स्केच भी जारी कर दिए गए हैं.
धर्म के आधार पर हत्या, चश्मदीदों के खुलासे
बताया गया है कि हमले के दौरान आतंकियों की संख्या 4-5 थी, जो सेना की वर्दी में घने देवदार के जंगलों से निकलकर पर्यटकों पर AK-47 से अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे. कुछ चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने लोगों से उनके पहचान-पत्र मांगे और धर्म के आधार पर गैर-मुस्लिमों की पहचान कर उन्हें गोली मार दी.
यह मुठभेड़ और उसके बाद की कार्रवाई इस बात का संकेत है कि सुरक्षा एजेंसियां अब आतंकियों के खिलाफ और ज्यादा सख्त रुख अपनाने के मूड में हैं.