पटना
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आईआरसीटीसी जमीन के बदले नौकरी मामले में तलब किए जाने के बाद मंगलवार को पटना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पेश हुईं.
ईडी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव को भी तलब किया है. यह पटना में इस मामले में उनकी पहली पूछताछ है. वह अलग से ईडी के कार्यालय पहुंचे और उनसे दोपहर 2 बजे पूछताछ की जाएगी.
इस मामले की आखिरी सुनवाई 11 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई थी, जहां तेज प्रताप और उनकी बहन हेमा यादव पेश हुए थे.
कोर्ट ने सभी आरोपियों को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी.
सशर्त जमानत के बिंदुओं के अनुसार, आरोपियों से कहा गया है कि वे सबूतों से छेड़छाड़ न करें, गवाहों को धमकाएं नहीं और देश छोड़ने से पहले अनुमति लें.
ईडी के समन के बाद राबड़ी देवी ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकारें जानबूझकर हमें परेशान कर रही हैं. चुनाव से पहले हमेशा ऐसे मामले सामने आते हैं. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है." ईडी ने लालू प्रसाद यादव के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान कथित भ्रष्टाचार से जुड़े जमीन के बदले नौकरी मामले में आरजेडी नेताओं से आक्रामक तरीके से पूछताछ की है.
20 जनवरी, 2024 को ईडी ने पटना में लालू प्रसाद यादव से 10 घंटे तक पूछताछ की. उनसे 50 से अधिक सवाल पूछे गए, जिनमें से अधिकतर का जवाब उन्होंने 'हां' या 'नहीं' में दिया. पूछताछ के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद कथित तौर पर कई बार गुस्सा हो गए. 30 जनवरी, 2024 को ईडी ने पटना में तेजस्वी यादव से 11 घंटे तक पूछताछ की. लालू प्रसाद यादव के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान आरोप है कि जमीन के बदले सरकारी रेलवे की नौकरियां दी गईं. गरीब परिवारों को नौकरी पाने के लिए बहुत कम कीमत पर कीमती जमीन बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. सीबीआई और ईडी मनी ट्रेल और कथित अवैध लेन-देन की जांच कर रहे हैं.
यह मामला बिहार में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है.
केंद्रीय एजेंसियों ने पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव के परिवार के अन्य सदस्यों जैसे पाटलिपुत्र लोकसभा सांसद मीसा भारती को भी तलब किया है.