रक्तदान शिविर का उद्देश्य
कोल्हापूर, जो अपनी धार्मिक और सामाजिक भाईचारे के लिए प्रसिद्ध है, में आयोजित इस रक्तदान शिविर में मुस्लिम समाज के कार्यकर्ताओं ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई. इस शिविर का उद्देश्य खून की कमी से होने वाली परेशानियों को कम करना था.
शिविर के आयोजक रियाज सुभेदार ने बताया, “आजकल हर जगह खून की कमी का सामना किया जा रहा है. खून की कमी के कारण कई मरीजों की जान चली जाती है, और यह हम नहीं चाहते। हमारे सरकारी अस्पतालों में खून की सप्लाई कम पड़ रही है, और हम चाहते हैं कि इस रक्तदान कैंप के जरिए जितना हो सके, इस कमी को पूरा किया जाए.”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे इस रक्तदान शिविर में न केवल पुरुषों ने, बल्कि महिलाओं ने भी भाग लिया. हमारा लक्ष्य इस कैंप में 100 यूनिट खून जमा करने का था, और हमें खुशी है कि इस शिविर में हमारे अनुमान से कहीं ज्यादा लोगों ने रक्तदान किया. जिनमें ज्यादातर लोग मुस्लिम समुदाय से थे। यह एक उदाहरण है कि समाज में एकजुटता और जिम्मेदारी की भावना को कैसे बढ़ाया जा सकता है."
सहयोग और सहयोगियों की भूमिका
इस रक्तदान शिविर का आयोजन सीपीआर हॉस्पिटल और मिरजे के मिशन हॉस्पिटल के सहयोग से किया गया था. रियाज सुभेदार ने बताया कि यह कैंप कोल्हापूर के अकबर मोहल्ले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई सालों बाद आयोजित किया गया था, जिससे अल्पसंख्यक समाज में जागरूकता और सामाजिक दायित्व की भावना को बढ़ावा मिलेगा.
इस कैंप में शहर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश शिपुरकर ने भी भाग लिया, और साथ ही इलाके की नगरसेविका महेजबीन सुभेदार ने रक्तदान शिविर में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों का अभिनंदन किया. महेजबीन सुभेदार ने इस तरह के सामाजिक कार्यक्रमों को लगातार आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और आयोजकों को उनकी मदद के लिए धन्यवाद दिया.
इसके अलावा, इस रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले सभी रक्तदाताओं को रक्तदान कार्ड और सर्टिफिकेट प्रदान किए गए. कोल्हापूर महानगरपालिका ने भी इस कैंप को विशेष सहयोग दिया, जिससे यह शिविर और भी सफल रहा.
जरिया फाउंडेशन की पहल और योगदान
जरिया फाउंडेशन, जिसे 2023 में रियाज सुभेदार और उनके दोस्तों द्वारा शुरू किया गया था, अब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है. रियाज सुभेदार बताते हैं, "हमारे एक दोस्त की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी, और उनके पीछे उनका परिवार था.
उन्हें सहारा देने के लिए हमने शुरुआत में 10 दोस्तों के साथ मिलकर जरिया फाउंडेशन की बुनियाद रखी थी. इसके जरिए हम हर महीने उनके परिवार को एक तय रकम देते थे."
उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद, हम फाउंडेशन के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए. हम समाज के सभी जाति और धर्म के लोगों से मदद प्राप्त करते हैं. क्राउड फंडिंग के जरिए हम छोटे बच्चों को उनकी पढ़ाई में मदद करते हैं, और बेसहारा लोगों को सहारा देने का काम भी हम कर रहे हैं."
समाज में एकता और जागरूकता का संदेश
जरिया फाउंडेशन और कोल्हापूर के मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित यह रक्तदान शिविर न केवल खून की कमी को पूरा करने का प्रयास था, बल्कि यह समाज में एकता, भाईचारे और सामाजिक जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण संदेश भी था. यह पहल यह साबित करती है कि अगर सभी समुदाय मिलकर काम करें, तो समाज की बड़ी समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है.
रक्तदान के इस कैंप ने यह दिखाया कि जब समाज अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझता है, तो सकारात्मक बदलाव संभव है. विशेषकर एक ऐसे समय में, जब समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक बंधनों के बावजूद, सभी वर्गों के लोग एक साथ मिलकर एक आम उद्देश्य के लिए काम कर रहे होते हैं, तो समाज में शांति और समरसता की भावना को बढ़ावा मिलता है.