नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता का चयन किया है. रेखा गुप्ता भाजपा शासित राज्यों में पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं हैं. वे बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. इसके अलावा नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा डिप्टी सीएम बने.
रविवार देर शाम भाजपा नेता दल की बैठक में पर्यवेक्षक ओपी धनखड़ और रविशंकर प्रसाद ने भाजपा के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की. अन्य अटकलों को धन्यवाद देते हुए कहा गया कि पार्टी के शीर्ष नेत्री सिद्धांत ने रेखा गुप्ता पर भरोसा जताया है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सीएम के चुनाव में 11 दिन का समय लग गया है. अब बीजेपी ने राजधानी में अपने अगले मुख्यमंत्री की घोषणा कर दी है. रेखा गुप्ता दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी. 20 फरवरी को दिल्ली के शपथ ग्रहण समारोह में शपथ ग्रहण. यह 26 साल बाद है, जब दिल्ली में भाजपा का कोई नेता मुख्यमंत्री बना है.
इस बीच राजनीतिक गलियारों में कई नेताओं के मुख्यमंत्री बनने की यादें ताजा हो गईं. इनमें सबसे बड़ा दावा रेखा गुप्ता का नाम लेकर बताया जा रहा था. कुछ हल्कों में तो यहां तक कहा जा रहा है कि गुप्ता लाइन को संघ की मंजूरी मिल गई थी और बीजेपी ने भी उन्हें सीएम पद के लिए अपनी पसंद बना लिया था.
उधर, सीएम रेस में प्रवेश वर्मा के पिछड़ने की कई वजहें हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी दिल्ली में परिवारवाद को लेकर अपने ऊपर आरोप नहीं लगने देना चाहती है. प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, जो 27 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998 तक सीएम रहे थे. इसके साथ ही पार्टी यह संदेश देने की कोशिश में है कि वह किसी भी आम कार्यकर्ता को भी प्रदेश के शीर्ष पद पर पहुंचा सकती है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी ऐसा कर चुकी है. विश्लेषकों का मानना है कि इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होता है.
कौन हैं रेखा गुप्ता?
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रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं.
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वे मौजूदा समय में दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं.
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50 वर्षीय रेखा का जन्म हरियाणा के जींद जिले में स्थित नंदगढ़ गांव में 1974 में हुआ था.
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उनके पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी पद पर थे.
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1976 में रेखा का परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया था. तब उनकी उम्र महज दो साल थी.
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इसके बाद रेखा की प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक दिल्ली में हुई.
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रेखा गुप्ता बचपन में पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन (आरएसएस) के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गई थीं.
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इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान वह दौलत राम कॉलेज में सचिव का चुनाव जीतने में सफल रहीं.
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1995-96 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बनीं.
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रेखा गुप्ता की 1998 में मनीष गुप्ता से शादी हुई थी.
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चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के मुताबिक, रेखा के पति एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में काम करते हैं. साथ ही उनका स्पेयर पार्ट्स का भी कारोबार है.
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रेखा ने इसके बाद एलएलबी तक की पढ़ाई पूरी की.
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पढ़ाई पूरी करने के बाद रेखा गुप्ता 2003-04 में भाजपा युवा मोर्चा की दिल्ली इकाई से जुड़ीं और यहां सचिव पद पर रहीं.
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इसके बाद 2004 से 2006 तक उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव के तौर पर जिम्मेदारी निभाई .
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2007: उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं.
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2007-09: एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की दो साल तक अध्यक्ष रहीं.
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2009: दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव रहीं.
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2010: भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दी.
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2012: उत्तरी पीतमपुरा वॉर्ड-54 से फिर बनीं पार्षद.
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रेखा गुप्ता को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से चुनाव में उतारा गया. जहां 2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से हराया तो वहीं 2020 में उनकी हार का अंतर 3400 वोट के करीब था.
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2025 के विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हरा दिया. उन्हें 68,200 वोट मिले थे.