नई दिल्ली. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सऊदी अरब की अपनी पांच दिवसीय यात्रा शुरू की. इस यात्रा का उद्देश्य 2025 में हज के लिए द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करना है, जिसमें भारत ने 10,000 अतिरिक्त हज यात्रियों के कोटे में वृद्धि की मांग की है. रिजिजू कल सऊदी अरब के मंत्री तौफीक बिन फवजान अल-रबिया से मुलाकात करेंगे, जहां दोनों नेताओं के हज समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना है.
केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं सऊदी अरब की यात्रा के लिए उत्सुक हूं, जहां हम 2025 के लिए द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेंगे.’’ इसके अलावा रिजिजू सऊदी अरब के परिवहन एवं रसद सेवा मंत्री सालेह अल-जस्सर से भी मुलाकात करेंगे. बैठक के दौरान हवाई उड़ानों, बस और रेल सेवाओं के संचालन पर चर्चा की जाएगी.
रिजिजू जेद्दाह हज टर्मिनल का भी दौरा करेंगे, जिसका उपयोग भारतीय तीर्थयात्रियों द्वारा किया जाता है. भारत सरकार ने तीर्थयात्रियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए वहां एक विशेष कार्यालय स्थापित किया है. सऊदी अरब ने 2025 के लिए भारत का हज कोटा 1,75,025 निर्धारित किया है, जबकि भारत सरकार हज कोटा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 10,000 तीर्थयात्रियों का अनुरोध कर रही है.
रिजिजू मदीना भी जाएंगे, जहां वह क्यूबा और किबलातैन मस्जिदों का दौरा करेंगे. इस दौरान वह सऊदी शाही परिवार के सदस्यों से भी मिलेंगे, जिनमें किंग मोहम्मद बिन सलमान के सलाहकार प्रिंस खालिद अल-फैसल और मक्का क्षेत्र के गवर्नर प्रिंस सलमान बिन सुल्तान शामिल हैं. वर्ष 2025 के हज के लिए 70 प्रतिशत कोटा हज समिति को दिया जाएगा, जबकि 30 प्रतिशत कोटा निजी हज समूह आयोजकों को दिया जाएगा.
पिछले वर्ष, 2024 में हज समिति को 80 प्रतिशत कोटा और निजी आयोजकों को 20 प्रतिशत कोटा प्राप्त हुआ था. हज नीति 2025 के तहत 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी, उसके बाद बिना महरम वाली महिलाओं को तथा अंत में सामान्य श्रेणी के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.