केरल अब नशे की राजधानी बन चुका है, जीवन हो गया है मुश्किल: वीडी सतीसन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 06-02-2025
Kerala has now become the drug capital, life has become difficult: VD Satheesan
Kerala has now become the drug capital, life has become difficult: VD Satheesan

 

तिरुवनंतपुरम (केरल)

केरल के विपक्षी नेतावीडी सतीसनने गुरुवार को राज्य की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे "नशे की राजधानी" बताया.कहा कि यहां का जीवन अब मुश्किलों से भरा हुआ है.उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में बढ़ते अपराध, नशे की लत, और पुलिस की कथित लापरवाही ने राज्य के सामान्य जीवन को संकट में डाल दिया है.

सतीसन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "केरल में अब जीवन जीना मुश्किल हो गया है.लोग घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं.किसी भी समय उन पर हमला हो सकता है.सड़कों पर अपराधी और गुंडे खुलेआम घूम रहे हैं.नशेड़ी पार्टियां सक्रिय हैं.केरल अब नशे की राजधानी बन चुका है.आबकारी विभाग व राज्य सरकार इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं."

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस भी अब गुंडों की तरह व्यवहार कर रही है.सरकार के हाथों में नियंत्रण की कमी है.सतीसन ने कहा, "पुलिस पर मुख्यमंत्री का कोई नियंत्रण नहीं है.मुख्यमंत्री कार्यालय में कुछ गुट पुलिस को नियंत्रित कर रहे हैं.उनके बीच संदिग्ध लेन-देन हो रहे हैं." उनका यह बयान राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा करता है.

सतीसन ने यह भी आरोप लगाया कि केरल में पुलिस पर सत्तारूढ़ पार्टी का नियंत्रण है, जिससे प्रशासनिक निर्णयों और पुलिस की कार्यशैली पर असर पड़ता है."कोई भी शीर्ष अधिकारी अब आदेशों का पालन नहीं करता.पुलिस पर पार्टी का नियंत्रण है, और यह स्थिति राज्य के लिए खतरनाक हो सकती है."

इसके अलावा, सतीसन नेनियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया.उन्होंने कहा कि 2016-17 से 2021-22 के बीच, 26 अस्पतालों में 60 मामले ऐसे पाए गए, जिनमें एक्सपायरी दवाएं मरीजों को वितरित की गईं.

CAG की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि केरल मेडिकल सर्विसेज द्वारा एक्सपायर हो चुकी दवाओं की आपूर्ति की गई थी, जिसका उपयोग गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बन सकता है.सतीसन ने कहा, "CAG ने हमारे आरोपों को सही ठहराया है और खुलासा किया है कि राज्य सरकार ने ऐसे दवाओं का वितरण किया जो समाप्त हो चुकी थीं.

यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि एक्सपायरी के बाद दवाओं की रासायनिक संरचना में बदलाव हो सकता है, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न होता है." CAG की रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 से 2021-22 तक के दौरान केरल में 26 अस्पतालों को 60 मामलों में एक्सपायरी दवाओं और आपूर्ति का वितरण किया गया.

इन दवाओं और आपूर्ति का कुल मूल्य 0.89 लाख रुपये था.रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऐसे मामलों का होना स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि एक्सपायरी दवाओं का उपयोग मरीजों के जीवन के लिए खतरे का कारण बन सकता है.

केरल में सुरक्षा, नशे की लत, और प्रशासनिक विफलता की स्थिति पर विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनके आरोपों के अनुसार, राज्य सरकार की नीतियां और कार्रवाई में गंभीर खामियां हैं, जिनकी वजह से आम जनता की सुरक्षा खतरे में है.

वहीं, CAG की रिपोर्ट ने सरकारी स्वास्थ्य सेवा में भ्रष्टाचार और लापरवाही की ओर भी इशारा किया है, जिससे राज्य सरकार के खिलाफ विपक्षी नेता की आलोचना और भी तीव्र हो गई है.केरल के इस संकट को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज्य सरकार इस स्थिति पर काबू पा सकेगी और नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी.