केरलः बैंक कर्मचारी का इरादा कारगिल के खलनायक जनरल परवेज मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने का था, घटना पर बवाल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-07-2024
Kerala: Bank employee intended to pay tribute to Kargil villain General Pervez Musharraf, uproar over the incident
Kerala: Bank employee intended to pay tribute to Kargil villain General Pervez Musharraf, uproar over the incident

 

अलपुझा. भारत द्वारा कारगिल विजय दिवस मनाए जाने के एक दिन बाद, 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में, केरल के अलपुझा में अपने 23वें राज्य सम्मेलन में बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन द्वारा पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सम्मानित करने के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया.

शनिवार को आयोजित इस सम्मेलन में मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने की योजना थी, जिन्हें कारगिल घुसपैठ का मास्टरमाइंड करार दिया गया है. हालांकि, कॉमरेड पॉली जॉर्ज नगर में सम्मेलन स्थल के बाहर भाजपा समर्थकों के विरोध के बाद, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का नाम श्रद्धांजलि सूची से हटा दिया गया.

श्रद्धांजलि सूची से मुशर्रफ का नाम हटाए जाने के बावजूद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आक्रोश फैल गया, जिसमें कई उपयोगकर्ताओं ने यूनियन के फैसले की निंदा की और इसे भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान बताया. कई नेटिजन्स ने तर्क दिया कि मुशर्रफ को सम्मानित करना, जिन्होंने कारगिल घुसपैठ की साजिश रची थी, जिसके परिणामस्वरूप 527 भारतीय सैनिक मारे गए, कारगिल युद्ध के नायकों की स्मृति का घोर अपमान है.

एक्स पर एक पोस्ट में, द बैंकर्स वॉयस ने बैंक ऑफ इंडिया और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया, जिसमें शामिल कर्मचारी संघ की तत्काल मान्यता रद्द करने की मांग की गई.

एक्स पर पोस्ट में लिखा गया है, ‘‘हम एआईबीईए से संबद्ध बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन केरल, के राष्ट्र विरोधी कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं, जो कारगिल घुसपैठ के मास्टरमाइंड परवेज मुशर्रफ को याद कर रहा है. इस तरह की हरकतें हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान और कारगिल विजय दिवस की भावना का अपमान करती हैं.’’ ‘‘हम विता मंत्रालय से आग्रह करते हैं कि वे इस शर्मनाक कृत्य में शामिल कर्मचारियों को हस्तक्षेप करके निष्कासित करें. बैंक ऑफ इंडिया को तुरंत इस ट्रेड यूनियन की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए.’’ ‘‘बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत हमारे सम्मानित रक्षा बलों के सभी दिग्गजों से, हम आपसे आग्रह करते हैं कि विरोध के तौर पर तुरंत इस ट्रेड यूनियन को छोड़ दें. हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने और हमारे राष्ट्र के सम्मान और अखंडता को बनाए रखने के लिए आपकी एकजुटता महत्वपूर्ण है. यह दिखाने में हमारे साथ खड़े हों कि हम अपने सशस्त्र बलों के प्रति किसी भी तरह का अनादर बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’

सम्मेलन में दिवंगत पार्श्व गायिका वाणी जयराम, टेलीविजन स्टार सुबी सुरेश और अभिनेता इनोसेंट सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया, लेकिन सूची में मुशर्रफ को शामिल किए जाने से कार्यक्रम में अन्य श्रद्धांजलियों पर ग्रहण लग गया.

इस बीच, कई नेटिजन्स ने अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के कम्युनिस्ट गुट से संबद्ध बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन पर राष्ट्र विरोधी भावना रखने का आरोप लगाया. कारगिल युद्ध के पर्याय माने जाने वाले मुशर्रफ को सम्मानित करने के लिए यूनियन के निर्णय को भड़काऊ माना गया है, खासकर तब जब यह समय कारगिल युद्ध में भारत की जीत की वर्षगांठ के साथ मेल खाता हो.

एक्स पर एक नाराज नेटिजन्स ने सम्मेलन के बाहर भाजपा समर्थकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो के जवाब में लिखा, ‘‘केवल विरोध प्रदर्शन पर्याप्त नहीं है. केंद्र की टीम को आकर सभी देशद्रोहियों को गिरफ्तार करना चाहिए.’’

एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, ‘‘केरल एक अजीबोगरीब राज्य है. यहां तक कि पाकिस्तानी भी मुशर्रफ को याद करने की परवाह नहीं करते.’’

एक तीसरे नेटिजन ने टिप्पणी की, ‘‘बीओआई द्वारा नियुक्त ये लोग राष्ट्रविरोधी हैं और परवेज मुशर्रफ का स्मारक बना रहे हैं. सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है.’’

केरलः बैंक कर्मचारी का इरादा कारगिल के खलनायक जनरल परवेज मुशर्रफ को सम्मानित करने का था, घटना पर बवाल

अलपुझा. भारत द्वारा कारगिल विजय दिवस मनाए जाने के एक दिन बाद, 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में, केरल के अलपुझा में अपने 23वें राज्य सम्मेलन में बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन द्वारा पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सम्मानित करने के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया.

शनिवार को आयोजित इस सम्मेलन में मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने की योजना थी, जिन्हें कारगिल घुसपैठ का मास्टरमाइंड करार दिया गया है. हालांकि, कॉमरेड पॉली जॉर्ज नगर में सम्मेलन स्थल के बाहर भाजपा समर्थकों के विरोध के बाद, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का नाम श्रद्धांजलि सूची से हटा दिया गया.

श्रद्धांजलि सूची से मुशर्रफ का नाम हटाए जाने के बावजूद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आक्रोश फैल गया, जिसमें कई उपयोगकर्ताओं ने यूनियन के फैसले की निंदा की और इसे भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान बताया. कई नेटिजन्स ने तर्क दिया कि मुशर्रफ को सम्मानित करना, जिन्होंने कारगिल घुसपैठ की साजिश रची थी, जिसके परिणामस्वरूप 527 भारतीय सैनिक मारे गए, कारगिल युद्ध के नायकों की स्मृति का घोर अपमान है.

एक्स पर एक पोस्ट में, द बैंकर्स वॉयस ने बैंक ऑफ इंडिया और वित्त मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का आह्वान किया, जिसमें शामिल कर्मचारी संघ की तत्काल मान्यता रद्द करने की मांग की गई.

एक्स पर पोस्ट में लिखा गया है, ‘‘हम एआईबीईए से संबद्ध बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन केरल, के राष्ट्र विरोधी कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं, जो कारगिल घुसपैठ के मास्टरमाइंड परवेज मुशर्रफ को याद कर रहा है. इस तरह की हरकतें हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान और कारगिल विजय दिवस की भावना का अपमान करती हैं.’’ ‘‘हम विता मंत्रालय से आग्रह करते हैं कि वे इस शर्मनाक कृत्य में शामिल कर्मचारियों को हस्तक्षेप करके निष्कासित करें. बैंक ऑफ इंडिया को तुरंत इस ट्रेड यूनियन की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए.’’ ‘‘बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत हमारे सम्मानित रक्षा बलों के सभी दिग्गजों से, हम आपसे आग्रह करते हैं कि विरोध के तौर पर तुरंत इस ट्रेड यूनियन को छोड़ दें. हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने और हमारे राष्ट्र के सम्मान और अखंडता को बनाए रखने के लिए आपकी एकजुटता महत्वपूर्ण है. यह दिखाने में हमारे साथ खड़े हों कि हम अपने सशस्त्र बलों के प्रति किसी भी तरह का अनादर बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’

सम्मेलन में दिवंगत पार्श्व गायिका वाणी जयराम, टेलीविजन स्टार सुबी सुरेश और अभिनेता इनोसेंट सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया, लेकिन सूची में मुशर्रफ को शामिल किए जाने से कार्यक्रम में अन्य श्रद्धांजलियों पर ग्रहण लग गया.

इस बीच, कई नेटिजन्स ने अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के कम्युनिस्ट गुट से संबद्ध बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ यूनियन पर राष्ट्र विरोधी भावना रखने का आरोप लगाया. कारगिल युद्ध के पर्याय माने जाने वाले मुशर्रफ को सम्मानित करने के लिए यूनियन के निर्णय को भड़काऊ माना गया है, खासकर तब जब यह समय कारगिल युद्ध में भारत की जीत की वर्षगांठ के साथ मेल खाता हो.

एक्स पर एक नाराज नेटिजन्स ने सम्मेलन के बाहर भाजपा समर्थकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के वीडियो के जवाब में लिखा, ‘‘केवल विरोध प्रदर्शन पर्याप्त नहीं है. केंद्र की टीम को आकर सभी देशद्रोहियों को गिरफ्तार करना चाहिए.’’

एक अन्य उपयोगकर्ता ने कहा, ‘‘केरल एक अजीबोगरीब राज्य है. यहां तक कि पाकिस्तानी भी मुशर्रफ को याद करने की परवाह नहीं करते.’’

एक तीसरे नेटिजन ने टिप्पणी की, ‘‘बीओआई द्वारा नियुक्त ये लोग राष्ट्रविरोधी हैं और परवेज मुशर्रफ का स्मारक बना रहे हैं. सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है.’’

 

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